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अनुकंपा नियुक्ति पर कार्य ग्रहण कर लिपिक के पद के लिये उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका दाखिल करें।

rp_Compassionate-Appointment.jpgसमस्या-

अरविन्द्र कुमार ने वाराणसी, उत्तर प्रदेश से पूछा है-

मेरे पिता वाराणसी विकास प्राधिकरण में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी थे, जिनका सेवाकाल के दौरान ही बीमारी की वजह से 24/6/2014 को देहांत हो गया। तत्पश्चात मेरे व्दारा  विभागीय कर्मचारियों की सलाह (मौखिक) के बाद से लिपिक के पद पर मृतक आश्रित के रुप में आवेदन किया गया। लेकिन विगत दो वर्षों तक लगातार टालमटोल विभाग के द्वारा किया जाता रहा,और दिनांक 16/10/2016 को मेरी शैक्षिक योग्यताओं को नजरअंदाज करते हुए चपरासी के पद पर नियुक्ति पत्र का आर्डर जारी कर दिया गया। तमाम अधिकारियों से संपर्क करने के पश्चात भी कोई तार्किक जवाब नहीं दिया जा रहा है और उपेक्षित रवैया अपनाया जा रहा हैं। मैंने अभी तक ज्वाइनिंग नही किया है, मुझे क्या करना चाहिए, कृपया करके मेरी सहायता कीजिए कि मुझे अब क्या करना चाहिए?

समाधान-

पिता के देहान्त के उपरान्त उन के स्थान मिली नौकरी अनुकम्पा है अधिकार नहीं। वह भी तभी दी जा सकती है जब कि विभाग में स्थान रिक्त हो। आप को जानना चाहिए कि क्या विभाग में लिपिक का पद रिक्त है। यदि लिपिक का पद रिक्त है तो विभाग द्वारा आप को लिपिक के रिक्त पद पर नियुक्ति दी जानी चाहिए थी।

लेकिन आज के भीषण बेरोजगारी के युग में कोई भी नौकरी त्यागनी नहीं चाहिए। विशेष रूप से आप की परिस्थितियों में। आज तक सरकारी नौकरी के लिए इंजिनियरिंग पास लोग तक आवेदन देते दिखाई देते हैं। वैसी स्थिति में हमारी सलाह यह है कि आप को तुरन्त प्रस्तावित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नौकरी पर ज्वाइनिंग दे देनी चाहिए। नौकरी पर जाने के बाद आप को उच्च न्यायालय के किसी वकील से संपर्क कर रिट याचिका दाखिल करनी चाहिए कि लिपिक का रिक्त पद होते हुए भी जानबूझ कर आप को चतुर्थश्रेणी कर्मचारी की नौकरी दी गयी है। विभाग को आदेश दिया जाए कि वह आप की नियुक्ति लिपिक के

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