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अपना उत्तराधिकार स्थापित करने के लिए आप को दीवानी वाद प्रस्तुत करना होगा।

lawसमस्‍या-

राजीव कोठारी ने गुना, मध्यप्रदेश से पूछा है-

मेरे पिताजी का गुना नगरपालिका में लेखापाल के पद परसेवारत रहते हुए करीब डेढ़ साल पहले स्‍वर्गवास हो चुका है। 12-13 सालपहले हमारी मां का स्वर्गवास हो गया था।दो साल पहले नगरपालिकाद्वारा कुछ कर्मचारियों को नगरपालिका की जमीन पर किश्‍तों में भूखंड आवंटितकिये गए थे जिसमें एक भूखंड मेरे पिताजी ने भी क्रय किया था। भूखंड हमारेपिताजी के नाम पर ही है। पिताजी के स्‍वर्गवास होने के बाद हमारी सौतेलीमां ने उस भूखंडके लिए नगरपालिका में नामांतरण के लिए आवेदन दिया किउनके नाम से भूखंड का नामांतरण किया जावे जिस पर हम हम दोनोंभाईयों ने आपत्ति उस पर दर्ज कराई थी और भूखंड का नामांतरण हम दोनों भाइयोंके नाम करने लिए आवेदन भी दिया था लेकिन आज दिनांक तक नामांतरण नहीं कियागया। कई बार नगरपालिका में संपर्क भी किया लेकिन नगरपालिका अधिकारी कहते हैंकि उस का नामांतरण हमारी सौतेली मां के नाम पर ही होगा एवं उनकी अनुकंपानियुक्ति एवं उनके देय स्‍वत्वों के लिए भी हम ने कई आवेदन दिए लेकिन आजदिनांक तक न तो अनुकंपा नियुक्ति दी गई और न ही उनके किसी भी देय स्‍वत्‍वका भुगतान हमें किया गया। जब कि हमारे पिताजी ने अपने जीवनकाल में ही उन केसर्विस रिकार्ड में नोमिनी के रूप में हम दोनो भाइयों को नियुक्‍त किया है।जो कि हम ने नगरपालिका से सूचना के अधिकार के तहत प्राप्‍त किये हैं। सौतेली मां से दो पुत्रियां भी हैं जो कि अभी नाबालिग हैं। अत: नोमीनेशनहमारे नाम होने के बाद भी हमारे पिताजी के देय स्‍वत्‍वों का पूरा पैसानगरपालिका अधिकारी ने हमारी सौतेली मां के खाते में जमा करा दिया है औरहमें कुछ नहीं दिया है। जब कि हमारी मां के पूर्व पति अभी भी जीवित हैं जिनसेहमारी सौतेली मां ने अभी तक विवाह विच्छेद नहीं लिया है। अत: हमें उचित मार्गदर्शनदें कि अब हमें भूखंड नामांतरण के लिए क्‍या करना चाहिए? क्‍यों कि पूरापैसा उनके नाम पर जमा करा दिया गया और भूखंड भी उनके नाम पर करने की बातकरते हैं और अनुकंपा के बारे में कहते हैं कि जब तक हमारी सौतेली मां नहींकहेगी अनुकंपा नियुक्ति भी नहीं दी जावेगी। अत: हम दोनों भाई स्‍नातकोत्‍तरशिक्षा पूर्ण कर चुके हैं और दोनों ही बेरोजगार है ऐसी स्‍थति में अब हमेंक्‍या करना चाहिए?

 

समाधान-

प ने बताया है कि आप की सौतेली मां का पूर्व पति जीवित है जिस से उन का विवाह विच्छेद नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में आप के पिता का आप की सौतेली माँ के साथ विवाह या नाता अवैध है। वे आप के पिता की वैध पत्नी नहीं हैं और उन्हें आप के पिता का किसी प्रकार का कोई उत्तराधिकार प्राप्त नहीं हुआ है। सौतेली मां से उत्पन्न पुत्रियों के जैविक पिता आप के पिता ही हैं तो उन्हें आप के पिता का उत्तराधिकार प्राप्त होगा और यदि उन के जैविक पिता कोई और हैं तो उन्हें भी आप के पिता का उत्तराधिकार प्राप्त नहीं होगा।

सी स्थिति में नगर पालिका ने जो पैसा आप की सौतेली मां के खाते में जमा कराया है वह गलत कराया है। आप को चाहिए कि आप नगरपालिका आप की सौतेली माता और उस की नाबालिग पुत्रियों को पक्षकार बनाते हुए एक दीवानी वाद प्रस्तुत करें जिस में आप यह दावा करें कि आप की कथित सौतेली माँ आप के पिता की वैध पत्नी नहीं हैं और उन्हें कोई उत्तराधिकार प्राप्त नहीं हुआ है, तथा उनसे उत्पन्न पुत्रियाँ भी आप के पिता की पुत्रियाँ नहीं हैं। इस कारण उन्हें दिया गया पैसा भूखंड का स्वामित्व तथा अनुकंपा नियुक्ति आप दोनों भाई प्राप्त करने के अधिकारी हैं।

स वाद को प्रस्तुत करने के पहले कम से कम 60 दिन का नोटिस आप को नगरपालिका को दिलाना पड़ेगा जिस में सभी तथ्यों सहित वादकारण का उल्लेख करना आवश्यक है। इस के लिए आप को किसी स्थानीय वकील से सहायता प्राप्त करनी होगी। आप किसी अच्छे स्थानीय वकील से संपर्क कर के नोटिस दिलवा कर दीवानी वाद प्रस्तुत कराएँ।

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