DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

आप दत्तक पुत्र हैं, आप को अपने अधिकार के लिए कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए

समस्या-

झझ्झर , हरियाणा से कृष्ण कुमार ने पूछा है –

मुझे 12 जनवरी 1965 को बचपन मे ही गोद ले लिया गया था। दत्तक ग्रहण करने वाले व्यक्ति मेरे पिता के फूफा जी थे। अब उन की मृत्यु हो चुकी है।  दत्तक प्रदान करते समय माता-पिता और संरक्षक भी सक्षम हैं।  गोद देते समय बही-खाता में सादे कागज पर पचाय़त द्वारा लिखा पढ़ी की गई थी, उस वक़्त की फोटो भी बनवाई गई है।  क्या इस पर मुझे जमीन का हक मिला है या नहीं।  इस पर कौन सी आई पीसी का कानून लागू होता है, मुझे क्या करना होगा?

समाधान-

गोद देने वाले अर्थात जन्म देने वाले पिता बालक की माता की सहमति से बालक को दत्तक प्रदान कर सकते हैं। दत्तक ग्रहण करने वाले पिता अपनी पत्नी की सहमति से बालक को दत्तक ग्रहण कर सकते हैं। यदि जन्मदाता माता-पिता जीवित न हों तो बालक के संरक्षक उसे दत्तक प्रदान कर सकते हैं। आप को दत्तक प्रदान करते समय पंचायत ने द्स्तावेज लिखा था तो उस पर मौजूद व्यक्तियों के हस्ताक्षर भी होंगे। चित्र तो है ही। आप अपना दत्तक ग्रहण करना न्यायालय में साबित कर सकते हैं।

प को वे सभी अधिकार हैं जो फूफाजी के औरस पुत्र के होते। यदि फूफाजी के पास जमीन और अन्य संपत्तियाँ थीं तो वे आप को उत्तराधिकार में प्राप्त हो चुकी हैं। यदि किसी और ने उन पर अधिकार किया हुआ है तो आप को अपना अधिकार स्थापित करने के लिए कार्यवाही करनी चाहिए। यदि कृषि भूमि है तो आप को सब से पहले उस का इंतकाल (नामान्तरण) करवाना चाहिए फिर कब्जा प्राप्त करना चाहिए। यदि कब्जा नहीं मिल सकता है तो कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए। आईपीसी केवल अपराधिक मामलों पर प्रभावी होती है। आप के मामले में नहीं। आप को तुरन्त खेती की जमीन से संबंधित काम करने वाले किसी स्थानीय वकील से सलाह ले कर आगे कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए।

Print Friendly, PDF & Email
3 Comments