DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

किसी के विरुद्ध मुकदमा प्रस्तुत हो जाने पर प्रतिरक्षा ही एक मात्र विकल्प है।

divorceसमस्या-

सौरभ ने प्रतापगढ़, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

कृपया मुझे बतायें कि. 1. धारा 125 दं.प्र.संहिता का केस पत्नी मायके में कर सकती है या पतिगृह? अगर पतिगृह नहीं करे और मायके कर दे तो क्या किया जाये? 2. धारा 498 ए का केस कहाँ कर सकती है पति गृह या मायके? और अगर मायके नहीं कर सकती हो फिर भी कर दे तो क्या करें जब पुलिस परेशान कर रही हो? मैं ने पहले आप को अपनी समस्या भेजी थी जिसका समाधान आप ने 25-११-१४ को दिया था आप के कहे अनुसार मैं ने किया परन्तु सफलता नहीं मिली। ना ही अभी तक पत्नी से उसके घर वालों ने मेरी बात होने दी। 4 बार मैं जा कर आया हूँ। मैं अपना घर किसी भी हालात में बिगाड़ना नहीं चाहता हूँ। जब कि मेरे ससुर मुझ से बडी रकम लेने के चक्कर में हैं। उन के मित्र का फोन आया था बोला 10 लाख देदो और तलाक ले लो।

समाधान-

धारा 125 दं.प्र.संहिता का केस पत्नी वर्तमान में जहाँ निवास कर रही है वहाँ कर सकती है। यदि आप के विरुद्ध मुकदमा कर दिया गया है तो आप के पास एक ही विकल्प है कि आप के विरुद्ध जिस अदालत में मुकदमा किया गया है वहाँ जा कर अपना प्रतिवाद प्रस्तुत करें और मुकदमे में अपनी प्रतिरक्षा करें।

धारा 498 ए आईपीसी का मुकदमा वास्तव में एक अपराधिक मुकदमा है। यह मुकदमा ऐसे किसी भी स्थान पर हो सकता है जहाँ वह अपराधिक परिघटना घटित हुई है जिस की शिकायत की जा रही है, या उस का कोई अंश घटित हुआ है। जब भी कोई पत्नी अपने मायके में ऐसी शिकायत प्रस्तुत करती है तो उस के विवरण में घटना का कोई एक अंश मायके के पुलिस थाने के क्षेत्राधिकार में घटित हुआ बताया जाता है।

दि आप के विरुद्ध धारा 498 ए आईपीसी का मुकदमा दर्ज हुआ है और पुलिस परेशान कर रही है तो सब से अच्छा उपाय यही है कि आप अपनी गिरफ्तारी पूर्व जमानत करवा लें। जिस से आप गिरफ्तारी से बच सकें। यदि पुलिस ऐसे मामले में आरोप पत्र प्रस्तुत करती है तो फिर से आप के लिए यही विकल्प शेष रह जाता है कि आप अपने विरुद्ध मुकदमे में प्रतिरक्षा करें।

दि पत्नी आप के साथ रहना ही नहीं चाहती है तो आप उसे जबरन तो अपने साथ रख नहीं सकते। वैसी स्थिति में विवाह विच्छेद ही एक मात्र मार्ग शेष रह जाता है। आप घर बिगाड़ना नहीं चाहते तो आप जिला विधिक सहायता समिति में मुकदमा पूर्व समझौता कराने के लिए आवेदन प्रस्तुत करें। वे आप की पत्नी को बुला कर आप से बातचीत करवा देंगे। यदि कोई हल निकलता है तो ठीक है वर्ना आप को समझौता कर के आपसी सहमति से विवाह विच्छेद कर लेना चाहिए। 10 लाख की तो मांग है इस से आधी या उस से कम राशि पर भी समझौता हो सकता है।

Print Friendly, PDF & Email