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किसी भी पंजीयन के लिए झूठे तथ्यों का शपथ पत्र देना अपराध है।

समस्या-

मुरारी ने रामगढ़ पचवाड़ा, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-


मेरा विवाह 2003 में हुआ था, 1989 जन्म तिथि है। तब में 14 वर्ष का था। तो क्या में 21 वर्ष 2010 में होने पर 21 वर्ष की डेट में विवाह पंजीयन करा सकता हूँ?  ये गलत होगा या सही? इससे पहले मेरे दो बच्चे भी हो गए अगर 2010 की डेट में करवाता हूँ तो शादी से पहले दो बच्चे नौकरी में अयोग्यता का आधार तो नही होंगे? उचित सलाह दें।


समाधान-

ब से बड़ी गलत बात तो यह है कि आप विवाह की एक ऐसी तारीख चुन रहे हैं जो सही नहीं है। जिस तिथि को आप का विवाह हुआ था उस के सिवा किसी भी अन्य तारीख का विवाह का पंजीयन कराना गलत होगा। क्यों कि इस के लिए आप झूठ बोलेंगे, झूठा शपथ पत्र देंगे जो अपराध होगा जिस के लिए आप को सजा हो सकती है। यदि नौकरी लग भी जाए तो इसी कारण छूट भी सकती है और आप को कारावास का दंड भी भुगतना पड़ सकता है।

यह सही है कि आप की शादी हुई तब आप नाबालिग थे, या विवाह की उम्र के नहीं थे। विवाह हुए 14 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। यदि वह बाल विवाह किसी के लिए आप के व आप की माता की पत्नी का अपराध था भी तो अब इतना समय गुजर चुका है कि उस मामले में पुलिस या कोई भी उन के वि्रुद्ध कोई कार्यवाही नहीं कर सकता। इस कारण किसी का अपराध छुपाने के लिए झूठ बोलने की  जरूरत ही नहीं है और बोलते हैं तो अपराध छुपाना भी अपराध है। इस कारण से आप को झूठ नहीं बोलना चाहिए।

कोई भी हिन्दू विवाह यदि संपन्न हो जाता है तो वह गलत हो सकता है लेकिन समाप्त नहीं होता और वैध होता है। इस कारण कम उम्र में किया गया आप का विवाह पूरी तरह से वैध है और आप उस का पंजीयन करवा सकते हैं। मेरी राय में आप को विवाह का पंजीयन उसी तिथि का करवाना चाहिए जिस तिथि में आप का विवाह हुआ है। इस से आप को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा। यदि पंजीयक पंजीयन करने से  मना करे तो न्यायालय से पंजीयक के विरुद्ध घोषणा व आदेशात्मक व्यादेश का वाद प्रस्तुत कर डिक्री पारित कराई जा सकती है और पंजीयन करवाया जा सकता है।

 

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