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छह माह से अधिक का किराया बकाया होते ही किराया वसूली और मकान/दुकान खाली करने का दावा करें।

Shopsसमस्या-
विपिन कुमार पाण्डे ने मेहर जिला मध्य प्रदेश से पूछा है-

मेरे किराएदार का सन 2007 में देहान्त हो गया है। मृत्यु के उपरान्त मैं ने उस के दोनों लड़कों से जब भघी दुकान को खाली करने को कहा तो दोनों लड़के टालमटोल कर रहे हैं। वे किराया भी नहीं दे रहे हैं। कई बार कहने पर भी बात को अनसुना कर देते हैं। बात करने जाता हूँ तो हील हवाली करने लग जाते हैं। अब मैं क्या करूँ?

समाधान-

प बड़े कमाल के दुकान मालिक हैं। किराएदार सात साल से किराया नहीं दे रहे हैं और आप सिर्फ उन से बात कर के आ जाते हैं। इतने वर्ष उन्हों ने गुजार दिए हैं फिर भी आप बात का ही सहारा ले कर बैठे हैं। आप को उन से दुकान खाली कराने के लिए तुरन्त कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए।

प का नगर एक छोटा कस्बा है। हमारे पास यह जानने का साधन नहीं है कि वहाँ मध्यप्रदेश स्थान नियंत्रण अधिनियम 1961 प्रभावी है अथवा नहीं। फिर आप की दुकान के मामले में प्रभावी है या नहीं। यदि यह प्रभावी है तो आप को इस कानून के अन्तर्गत किराया वसूली और दुकान खाली कराने के लिए किसी वकील से नोटिस दिलवा कर न्यायालय में दावा दाखिल करना चाहिए। यदि यह प्रभावी नहीं है तो संपत्ति हस्तान्तरण अधिनियम के अन्तर्गत लीज को समाप्त करने का नोटिस दे कर बकाया किराए और दुकान के कब्जे के लिए कार्यवाही करनी चाहिए।

क्सर लोग यह सोच बैठते हैं कि इस तरह का मुकदमा करने पर बरसों लग जाएंगे और दूसरे तरीके आजमाते रहते हैं और कभी कभी इतने वर्ष निकल जाते हैं जितने साल में तो कानूनी तरीके से दुकान का कब्जा मिल जाए और किराया भी वसूल हो जाए। इस कारण से यदि आप का किराएदार छह माह से अधिक का किराया बकाया कर दे तो उसी समय किराया वसूली और दुकान मकान खाली कराने के लिए दावा कर देना चाहिए। आप के मामले में भी अभी देरी नहीं हुई है। आप को तुरन्त किसी स्थानीय वकील से सलाह कर के दुकान खाली कराने और बकाया किराया वसूली का दावा कर देना चाहिए।

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