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जमीन के कब्जे का वाद प्रस्तुत करें।

rp_land-demarcation-150x150.jpgसमस्या-

कुलदीप सिंह ने बावड़ी,राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

मेरी माताजी अपने पिता की इकलौती संतान हैं। उन के नाम से राजस्थान के बीकानेर जिले के पुगल तहसील में 25 बीघा जमीन है। यह जमीन मेरे नानाजी के देहांत के बाद माताजी के नाम हुई थी। इस सम्पत्ति के बारे में हमें 2014 में पता चला। जब एक व्यक्ति ने मेरे पिताजी को अवगत करवाया कि आपके ससुर की इस जगह जमीन है और आपके ससुर को वो जमीन आर्मी में उन की रिटायरमेंट के बाद मिली थी जिसकी सालाना किस्त जमा करवानी थी। उस व्यक्ति ने पिताजी को दस्तावेजो पर हस्ताक्षर के बदले 4 लाख रुपये देने की बात कही, किन्तु पिताजी ने मना कर दिया। बाद में जानकारी करने पर जमीन मेरी माताजी के नाम निकली। परंतु उस जमीन पर पिछले 20-25 वर्षो से कब्जा बीकानेर के स्थानीय निवासी का जो कि भूमफिया से जुड़ा हुआ बदमाश किस्म का व्यक्ति है उसका है। दस्तावेजों में वो जमीन मेरी माताजी के नाम है। समस्या ये है कि इस जमीन से जुड़ा हुआ नाम मात्र का दस्तावेज भी हमारे पास नहीं है। ना ही मेरे नानाजी द्वारा जमा करवाई गई जमीन की किस्त की कोई रसीद है। बस e-mitra से जमीन के खसरा नंबर लगा कर निकाले गए दस्तावेज हैं। जिन से ये पता चलता है कि वो जमीन मेरी माताजी की सम्पति है। माननीय से निवेदन इस प्रकार है कि मेरे पिताजी एक गरीब किसान हैं व मैं एक विद्यार्थी हूँ। भूमाफिया से लड़ने ओर महंगा वकील करने की हमारी हमारी बस की बात नहीं, न ही कोई राजनीतिक पहुंच है। हमें क्या करना चाहिए।

समाधान-

प ने नहीं बताया कि आप के नानाजी का देहान्त कब हुआ था। फिर भी आप अपने यहाँ के किसी स्थानीय वकील से जो कि राजस्व के मामले देखता हो राय कीजिए। क्यों कि मुकदमा तो कोई स्थानीय वकील ही लड़ेगा। यदि फिर भी कोई परेशानी हो तो तीसरा खंबा पर अपनी समस्या को रखिए।

प के पास जमीन के दस्तावेज न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। सरकारी रिकार्ड में जमीन आप के माता जी की है। वे उस की खातेदार कृषक हैं। आप की माताजी उक्त जमीन का कब्जा प्राप्त करने के लिए राजस्व न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर सकती हैं, जो बिना किसी देरी के आप की माताजी को कर देना चाहिए।

क बार कब्जे के लिए वाद संस्थित हो जाए। उस के बाद क्या परिस्थितियाँ उत्पन्न होती हैं उन पर विचार कर के आगे के लिए निर्णय लिया जा सकता है। मुकदमा करने में किसी भू-माफिया से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि कोई आप के परिवार के किसी सद्स्य को धमकाता है तो तुरन्त उस की रिपोर्ट पुलिस में कराएँ और पुलिस द्वारा इस बात की सुनवाई न करने पर मजिट्रेट के न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर उसे धारा 156 (3) दं.प्र.सं. के अन्तर्गत पुलिस को जांच के लिए भिजवाएँ।

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