DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

दिवंगत पति की संपत्ति पर बेटी-दामाद का कब्जा कैसे हटाएँ?

समस्या-

मेरे पति के मौत के बाद मेरी बेटी और दामाद ने मिलकर मेरे घर पर कब्ज़ा कर लिया है और मुझे एवं मेरे बेटे और बहू को घर में रहने नहीं देते हैं और मेरा मकान खाली नहीं कर रहे हैं| इसका क्या समाधान है?

-सिया देवी, पटना, बिहार

समाधान-

प की समस्या स्पष्ट नहीं है। इस में यह स्पष्ट नहीं है कि आप के मकान का स्वामित्व किस का है? यदि आप के पति की मृत्यु के पूर्व आप के पति इस मकान  के एक-मात्र स्वामी थे तो उन के देहान्त के साथ ही उक्त मकान पर संयुक्त स्वामित्व स्थापित हो चुका है। जिस में आप के सभी पुत्र-पुत्री और आप के समान हिस्से हैं। यदि आप के एक पुत्री, एक पुत्र हैं तो सभी को उक्त मकान पर एक तिहाई स्वामित्व प्राप्त है। इस तरह आप की पुत्री भी उक्त मकान में सहस्वामी है और आप उन्हें इस मकान से नहीं निकाल सकती हैं।

दि उक्त मकान केवल आप के नाम है तो आप अपने पुत्री-दामाद को लायसेंसी मान सकती हैं और उन्हें विधिक नोटिस दे सकती हैं कि वे उक्त मकान को खाली कर दें। यदि वे नोटिस से मकान खाली नहीं करते हैं तो आप उन के विरुद्ध कब्जा प्राप्त करने के लिए दीवानी वाद न्यायालय में प्रस्तुत कर सकती हैं।

लेकिन यदि उक्त मकान आप के पति के स्वामित्व का था तो फिर आप को बँटवारे का दावा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर यह राहत मांगनी चाहिए कि उक्त मकान का बँटवारा कर दिया जाए। यदि उक्त मकान के तीन बराबर हिस्से न हो सकें तो उसे बेच दिया जाए। बेचने के पूर्व जो भी व्यक्ति न्यायालय द्वारा निर्धारित किए गए मकान के मूल्य की राशि का एक-एक तिहाई राशि शेष अन्य हिस्सेदारों को अदा करे उसे वह राशि अदा करने पर मकान कब्जे में दे दिया जाए। मुझे लगता है कि आप के बेटी-दामाद आप के पति की संपत्ति में से आप की बेटी का हिस्सा चाहते हैं। उन्हें वह हिस्सा दे देने पर वे मकान का कब्जा त्याग सकते हैं। यह काम आप लोग आपसी सहमति से भी कर सकते हैं। इस के लिए न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर राजीनामा प्रस्तुत कर उस के आधार पर निर्णय और डिक्री प्राप्त की जा सकती है।

दि आप के बेटी दामाद आप को या आप की पुत्रवधू को परेशान करते हैं तो उन के विरुद्ध घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही कर इस से रोका जा सकता है।

 

Print Friendly, PDF & Email
One Comment