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दैनिक वेतन पर नियुक्ति के आधार पर कोई स्थायी नियोजन नहीं मिल सकता।

appointment-letterसमस्या-

मनोज कुमार चंसौरिया ने टीकमगढ़, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मुझे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने दिनांक 25.10.2012 को कलेक्टर रेट पर डेटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर मौखिक आदेश पर अपने कार्यालय में रखा। उसके बाद 23 मार्च 2013 को उन्होंने विभागीय संविदा फार्मासिस्ट भर्ती के लिए कमेटी गठित की उस कमेटी में मुझे भी कॉपी दी गयी जिस में लिखा था श्री मनोज कुमार चंसौरिया डेटा एंट्री ऑपरेटर दैनिक दर से कंप्यूटर फीडिंग का कार्य करेंगे और उस के बाद और भी विभाग की कई संविदा भर्ती में उन्होंने मुझे कमेटी में रखा, मेरे पास 6 आदेश हो गए। उस के बाद उन्होंने मुझ से कमेटी के रजिस्टर पर दस्तख्त करवाये। जब भर्ती की फ़ाइनल लिस्ट निकली तो उस में भी मुझ से दस्तखत करवाए। में 25.10.12 से लगातार कार्यरत हूँ लेकिन 25.10.12 से आज तक मुझे जो वेतन दी गयी तो मासिक वेतन मई से साप्ताहिक और त्योहारों की छुट्टियोँ का वेतन काट कर दी जाती थी। 20 से 22 दिन का वेतन मिलता था। अकाउंटेंट से कहा तो बोलता है तुम्हारा ऑर्डर नहीं है। उपस्थिति पंजी पर तुम्हारे दस्तखत नहीं लिए जाते इसलिए तुम्हे पूरी वेतन नहीं मिलेगी। और जो मिलती है वो भी 3-4 महीनों में मिलती है। कृपया मार्गदर्शन दें।

 समाधान-

प की नियुक्ति दैनिक वेतन के आधार पर दी गई है। अर्थात आप जिस दिन कार्य करेंगे उसी दिन का वेतन प्राप्त होगा। आप को कैजुअल अर्थात आकस्मिक कार्यों के विरुद्ध एक के बाद एक नियोजन दिया जा रहा है। आप को वेतन का भुगतान भी आकस्मिक कार्यों के खर्चों के मद से ही किया जा रहा होगा। इस कारण आप जिस दिन कार्य करते हैं उसी दिन का वेतन आप को प्राप्त होता है। इस तरह का दैनिक वेतन न्यूनतम वेतन की दर से दिया जाता है जिस में साप्ताहिक अवकाशों का वेतन सम्मिलित होता है। लेकिन त्यौहारी अवकाशों का वेतन सम्मिलित नहीं होता है।

प एक वर्ष से अधिक समय से लगातार कार्य कर रहे हैं इस कारण औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25 एफ व 25 जी के प्रावधानों की पालना कर के ही आप को हटाया जा सकता है। यदि वे आप को नौकरी से हटाते हैं और उक्त प्रावधानों की पालना नहीं करते तो आप की ऐसी सेवा समाप्ति अवैध होगी और आप उस के विरुद्ध श्रम विभाग में तुरन्त शिकायत कर विवाद उठा सकते हैं। यदि 45 दिन में श्रम विभाग कोई समझौता नहीं करवा पाता है तो आप सीधे श्रम न्यायालय में अपना विवाद प्रस्तुत कर सकते हैं।

लेकिन आप एक दैनिक वेतन भोगी आकस्मिक श्रमिक के रूप में काम कर रहे हैं इस कारण श्रम न्यायालय भी आप को केवल मुआवजा ही दिला सकता है आप को आप की नौकरी दुबारा दिला सकने में सक्षम नहीं है। क्यों कि किसी भी सरकारी विभाग में स्थायी नौकरी केवल निर्धारित चयन प्रक्रिया के द्वारा ही की जा सकती है।

प को चाहिए कि आप विभाग द्वारा जब भी किसी तरह की रिक्तियों पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया आरंभ हो आवेदन करें और निर्धारित चयन प्रक्रिया के द्वारा चुने जा कर शासकीय नौकरी प्राप्त करें। इस आकस्मिक कार्यों के लिए किए गए दैनिक वेतन के नियोजन के कारण आप कोई स्थाई नौकरी प्राप्त कर सकेंगे यह भ्रम न पालें। इस भ्रम का शिकार हो कर आप शासकीय नौकरी के अवसर खो देंगे जो जीवन में दुबारा नहीं आएंगे।

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