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पत्नी का उत्तराधिकार केवल पति की संपत्ति में है उस के अन्य परिजनों की संपत्ति में नहीं।

court-logoसमस्या-

राजीव कुमार ने चन्दौसी, जिला संबल, उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मेरे भाई ने फाँसी लगा कर आत्महत्या कर ली। पर सच में उन की हत्या मेरी भाभी ने की थी। पर सबूत न होने से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी। अब भाभी मेरे पापा के बनाए मकान में हिस्सा मांग रही है। अगर मेरे पापा मेरे को मकान का दान पत्र निष्पादित कर सकते हैं? मेरी भाभी कोई केस डाल कर मकान में हिस्सा तो नहीं ले सकती? मेरे तीन बहनें हैं जिन का विवाह हो चुका है।

समाधान-

म तौर पर जब एक व्यक्ति की फाँसी लगने से मृत्यु होती है और उस की पत्नी से उस का विवाद चल रहा होता है तो उस व्यक्ति के परिजन यही समझते हैं कि उस की पत्नी ने हत्या की है। पर अकेली पत्नी द्वारा किसी पुरुष को उस के होश में रहते फाँसी दे कर हत्या करना असंभव काम है। यदि वह बेहोश भी हो तो भी लगभग असंभव है। वास्तव में ऐसे मामले वैवाहिक विवाद से डिप्रेशन में आये पुरुष द्वारा आत्महत्या करने के ही होते हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि पत्नी पति की फाँसी लगा कर हत्या कर दे और कोई सबूत नहीं मिले।

वैसे आप की समस्या का आप के भाई की मृत्यु का कोई संबंध नहीं है। आप की भाभी का अधिकार सिर्फ आप के मृत भाई की संपत्ति पर है। यदि परिवार में कोई पुश्तैनी या सहदायिक संपत्ति हो और उस में भाई का हिस्सा हो तो उस पर वह अपना उत्तराधिकार जता सकती है। यदि मकान आप के पिताजी के स्वामित्व का है तो वे उस का दान-पत्र आप के नाम निष्पादित कर सकते हैं। इस दान पत्र से वह संपत्ति आप के नाम हस्तांतरित हो जाएगी। वैसे वे दान पत्र के स्थान पर विक्रय पत्र भी आप के नाम निष्पादित कर सकते हैं दोनों में समान खर्चा होता है। खर्चा बचाना हो तो वसीयत पंजीकृत कराने से भी काम हो सकता है लेकिन वसीयत कोई भी अपने जीवनकाल में बदल सकता है और उस में स्वामित्व हस्तान्तरण भी वसीयत करने वाले की मृत्यु पर भी होता है।

प की भाभी यदि मुकदमा करना चाहती है तो कर सकती है। लेकिन संपत्ति के लिए किया गया उस का मुकदमा निरस्त हो जाएगा क्यों कि उस का अधिकार उस के पति की संपत्ति के अतिरिक्त किसी भी संपत्ति पर नहीं है।

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