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पत्नी से बात कर मसले को हल करने का प्रयत्न करें

rp_Desertion-marriage.jpgसमस्या-

राज कुमार ने उज्जैन, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

 मेरी शादी को 2 साल हो गये हैं, मेरी पत्नी की सरकारी नौकरी हॉस्पिटल में है और 15000/- रु. प्रतिमाह वेतन है। मेरी प्राइवेट नौकरी है मेरा वेतन 8000/- प्रति माह है। सब अच्छे से चल रहा था। शादी के 1 साल बाद मेरी सास ओर साले के कहने में आ कर मेरी शिकायत कर दी कि मेरा किसी लड़की से चक्कर चल रहा है और उस से शादी कर ली है। बाद में महिला थाने में परामर्श केन्द्र में फैसला हुआ कि मेरी पत्नी को शक था, किसी ने कहा था। मेरा किसी और से कोई चक्कर नहीं है और न ही किसी और से शादी की। ये साबित हुआ तो मेरी सास ओर मेरी पत्नी ने समझौते के तौर पर अलग रहने की मांग की जब कि मैं मेरे माता पिता मै इकलौता लड़का हूँ। घर जोड़ने के लिए मैं अलग रहने लगा, पत्नी के साथ। 2 महीने बाद हम पति पत्नी के बीच छोटी सी बात को ले कर कहा सुनी हो गई। जिस में गुस्से में हम दोनों ने एक दूसरे पे हाथ उठा लिए। फिर सब नॉर्मल हो गया। यह घटना मेरी पत्नी ने मेरे साढू भाई को बताई। ऐसा हुआ तो उसके कहने पर मुझे मेरे साढू भाई और मेरे साले ने मुझे जहा हम लग रहे थे वहाँ से भगा दिया और मारा। इस बात की मैं ने शिकायत पुलिस में की। ये बात मालूम होते ही मेरी पत्नी ने मुझ पर झूठा 498ए की रिपोर्ट डाल दी जो कि अभी चल रहि है। उस के बाद मैं ने धारा 9 का आवेदन प्रस्तुत किया लेकिन वह उस की तारीख पर नहीं आ रही है और बोल रही है कि मुझे तलाक चाहिए। उस के बाद धारा 24 लगा दी मुझ से हर महीने 10000/- रु. खर्चे के लिए। इस बीच मेैंने पत्नी से बात भी की। पर मेरे साढ़ू भाई ने हम लोगों को मिलते जुलते देख लिया। तब से वो नहीं मिल रही है। न ही फोन पर बात कर रही है। उस के ऑफीस में भी मुझे डाँट दिया कि मेरे से दूर रहो। अब बताएँ कि मैं क्या करूँ? इन तीनों केस को मैं केैसे जीतूँ।

समाधान-

प किसी अच्छे वकील की मदद से दोनों मुकदमे लड़िए। तीसरी धारा 24 का आवेदन तो धारा 9 के मुकदमे में लगा है। यदि आप मुकदमे ठीक से लड़ेंगे तो जीत जाएंगे।

प के अभी बच्चे नहीं है। हमें लगता है कि आप की यह शादी नहीं चल सकेगी। क्यों कि आप की पत्नी मानने को तैयार होगी तो उसे आप का साला और साढ़ू भाई न मानने देगा। आप अपनी पत्नी को संदेश दें कि आप तलाक देने को तैयार हैं और आपसी सहमति से आवेदन दे सकते हैं। लेकिन इस शर्त पर कि वह 498ए का मुकदमा वापस ले लेगी। यदि पत्नी बात करने को तैयार हो तो आप उसे साफ कह दें कि आप उसे कुछ नहीं देंगे।

धारा 498ए और धारा 24 में कुछ नहीं होने का है। आप की पत्नी आप से अधिक कमाती है उसे भरण पोषण नहीं मिेलेगा आधिक से अधिक वह अदालत का खर्चा प्राप्त कर सकती है। 498ए में भी आप के विरुद्ध कुछ भी साबित करना असंभव लगता है क्यों कि वह उस के साथ हुई मारपीट को साबित नहीं कर सकेगी। फिर भी यदि पत्नी से मुकदमे की तारीख के दौरान या अन्यत्र बात संभव हो और वह अपने भाई और जीजा की बात को अनदेखा करने और साथ रहने को मान जाए तो साथ रहना आरंभ करें। दोनों के बीच तालमेल रहा तो मुकदमे भी खत्म हो जाएंगे।

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