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पितृत्व परीक्षण की रिपोर्ट केवल एक दस्तावेज उसे प्राथमिक साक्ष्य से साबित करना होगा।

dnaसमस्या-
विश्वनाथ दत्त ने गुड़गाँव हरियाणा से पूछा है –

मुझे यह संदेह है कि मेरी पत्नी विवाह के पहले दिन से ही मुझे धोखा दे रही है। मेरा बच्चा भी मेरे परिवार के शारीरिक गठन से बिलकुल भिन्न है। लेकिन मैं तब तक उस के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकता जब तक कि उस का पितृत्व (डीएनए) परीक्षण न हो जाए। मैं जानना चाहता हूँ कि क्या पितृत्व परीक्षण नकारात्मक आता है तो क्या यह मुझे मेरी पत्नी से विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य होगी?

समाधान-

प ने अनेक तथ्य नहीं बताए हैं। विशेष रूप से आप के बच्चे के बारे में। उस का जन्म यदि आप के विवाह के नौ माह के बाद हुआ है तो यह निश्चित होगा कि वह गर्भ में आप के विवाह के बाद आया था। यदि ऐसा है और पितृत्व परीक्षण से यह साबित होता है कि आप उस के पिता हैं तो निश्चित रूप से यह भी साबित होगा कि आप की पत्नी ने विवाह के उपरान्त किसी दूसरे पुरुष के साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए हैं। यह विवाह विच्छेद का मजबूत कारण हो सकता है।

लेकिन आप सोचते हैं कि पितृत्व परीक्षण की रिपोर्ट पर्याप्त साक्ष्य होगी? यह तो सही है कि वह एक मजबूत दस्तावेजी साक्ष्य है। लेकिन सभी दस्तावेज द्वितियक साक्ष्य होते हैं जिन्हें प्राथमिक (मौखिक) साक्ष्य के माध्यम से साबित करना होता है। आप को पितृत्व परीक्षण को साबित करने के लिए आप दोनों के डीएनए के सैंपल लेने वाले व्यक्ति के तथा पितृत्व परीक्षण करने वाले व रिपोर्ट लिखने वाले तकनीशियन (डाक्टर) के बयान न्यायालय में करवा कर पितृत्व परीक्षण की रिपोर्ट को नियमानुसार ली गई रिपोर्ट साबित करना होगा। इन गवाहों से विपक्षी के वकील को प्रतिपरीक्षण की छूट भी होगी। इस साक्ष्य से यह प्रमाणित हो जाने पर कि रिपोर्ट सही है और बच्चा आप की संतान नहीं है तभी आप विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त करने में सक्षम हो सकेंगे। मेरी राय में इस एक सबूत और आधार के अतिरिक्त भी कुछ और सबूतों और आधारों की सहायता आप को लेनी चाहिए।

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