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पुलिस एफआईआर दर्ज न करे तो क्या करें?

समस्या-

लक्ष्मण ने इन्दौर, मध्य प्रदेश से पूछा है-

मारे यहाँ 02-06-2014 को चोरी हो गई। चोर रात को घर आए और 3 मोबाइल फोन और पर्स जिस में 4 एटीएम कार्ड (1 आईसीसी बेंक, 1 बेंक ऑफ इंडिया और 2 एसबीआई के), ड्राइविंग लाइसेन्स और वाहन की रजिस्ट्रेशन बुक और भी सामान जो पर्स मे था ले गए। वो मेरा पर्स, पापा के सारे पैसे (12000) और भाई का पर्स भी ले गये। हम पुलिस स्टेशन गये तो वो रिपोर्ट नही लिख रहे हैं।कह रहे हैं की पैसे तो नही मिलेंगेऔर आप मोबाइल के बिल ले आओ या आई पी एड्रेस ले आओ तो हम मोबाइल ढूंढ देंगे।वे रिपोर्ट नहीं लिख रहे हैं। कृपया कोई उपाया बताएँ।

 

समाधान-

प के घर चोरी हुई है। पुलिस रिपोर्ट इस कारण से नहीं लिख रही है कि उस थाने के इलाके में दर्जशुदा चोरी की घटनाओँ और अपराधों की संख्या बढ़ जाएगी और पुलिस का रिकार्ड खराब हो जाएगा। पुलिस जितनी चोरियाँ और अपराध होते हैं उन सब में से 10-20 प्रतिशत से अधिक की रिपोर्ट दर्ज नहीं करती है। कितनी ही सरकारें बदल गईं, सब पार्टियों की सरकारें आती हैं और चली जाती हैं पर पुलिस का यह रवैया नहीं बदलता। इस को बदलने का एक ही तरीका है कि अपराध की सूचना देने वाले की सूचना पर यदि रिपोर्ट न लिखी जाए तो उस की सूचना जिले के एसपी को रजिस्टर्ड एडी डाक से भेजी जाए, डाक से भेजी जाने वाली सूचना की प्रति, डाक की रसीद और प्राप्ति स्वीकृति (एडी) संभाल कर रखी जाए।

सपी को सूचना देने पर भी रिपोर्ट दर्ज न करने पर उस क्षेत्र के मजिस्ट्रेट के न्यायालय में घटना का पूरा विवरण देते हुए परिवाद पेश किया जाए कि इस तरह का अपराध घटित हुआ है और पुलिस उस अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर के अन्वेषण करने को तैयार नहीं है, इस कारण पुलिस थाना को रिपोर्ट दर्ज करने तथा अन्वेषण करने के लिए आदेशित करते हुए परिवाद को पुलिस थाना को भेजा जाए।

प उक्त उपाय क्रमबद्ध तरीके से करेंगे तो पुलिस को अपराध की रिपोर्ट दर्ज करनी होगी और अन्वेषण भी करना होगा। यह तरीका किसी भी अपराध की सूचना को प्रथम सूचना रिपोर्ट के रूप में दर्ज न करने पर अपनाया जा सकता है।

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