DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

पैतृक संपत्ति के मामले में संपत्ति के दस्तावेज व परिवार की संपूर्ण जानकारी दे कर स्थानीय वकील से सलाह लें।

समस्या-house locked

कल्पना राठौर सारागांव जिला जांजगीर-चाम्पा, छत्तीसगढ़ से पूछती हैं-

मेरे दादा जी ने अपनी पैतृक सम्पत्ति 1993 में अपने जीते जी मेरे भाइयों के नामवसीयत करदी थी, वसीयत का पंजीकरण भी करवाया था। उनकादेहांत 20032 में हुआ अब 2014 में मेरी छोटी बुआ अपने हिस्से की मांग कररही है और कोर्ट जाने की धमकी दे रही है, तो ऐसे में क्या मेरी बुआ को उनकाहिस्सा मिल पायेगा|

समाधान-

प ने लिखा है कि दादा जी ने पैतृक संपत्ति को वसीयत कर दिया था। पर पैतृक संपत्ति में तो पुत्रों, पौत्रों और प्रपौत्रों का भी अधिकार जन्म से होता है। इस तरह पैतृक संपत्ति एक व्यक्ति की संपत्ति नहीं होती। आप के दादा जी की जो पैतृक संपत्ति थी उस में उन के पुत्रों और पौत्रों का भी अधिकार था। वे उस संपत्ति को वसीयत नहीं कर सकते थे, वे केवल उस संपत्ति में से अपने हिस्से की संपत्ति की वसीयत कर सकते थे।

स तरह आप का यह मामला अत्यन्त जटिल है। इस मामले में बहुत सारे तथ्यों का ज्ञान होने पर ही कोई निश्चायक राय दी जा सकती है। मुख्यतः यह जानना आवश्यक है कि 17 जून 1957 के पूर्व उस संपत्ति की स्थिति क्या थी और उस समय कौन कौन लोग उस संपत्ति में अपना सहदायिक हित रखते थे। उस के बाद प्रत्येक के हित और उन की संतानों का पूरा लेखा जोखा (वंश-वृक्ष) की जानकारी होना आवश्यक है।

फिर भी यह कहना उचित होगा कि उक्त संपत्ति में आप की बुआ का हिस्सा हो सकता है। लेकिन उस की ठीक से परीक्षा करनी होगी। यदि हिस्सा हुआ तो वह बुआ को देना पड़ेगा। यह भी हो सकता है कि उन का हिस्सा न हो। आप को अपने यहाँ किसी अच्छे जानकार वकील को संपत्ति के सभी दस्तावेज व परिवार के बारे में संपूर्ण जानकारी दे कर सलाह प्राप्त करनी चाहिए।

Print Friendly, PDF & Email
One Comment