DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

बच्चे की अभिरक्षा के लिए न्यायालय बच्चे का हित देखेगा।

father daughterसमस्या-

युवराज ने बर्दमान, पश्चिम बंगाल से समस्या भेजी है कि-

मेरी शादी 8 साल पहले हुई थी। मेरा एक 7 वर्ष का पुत्र भी है। पिछले तीन सालों से मेरी पत्नी मेरे बेटे को ले कर अपने मायके में निवास कर रही है क्यों कि उस के मायके में सिर्फ माँ अकेली है, पिता का देहान्त हो चुका है। और भाई शहर के बाहर नौकरी करता है। उस की माँ अपने गृहनगर में ही राज्य सरकार की नौकरी करती है। अब पत्नी मेरे साथ नहीं आना चाहती और आपसी सहमति से तलाक लेना चाहती है। उस के लिए मैं भी तैयार हूँ। लेकिन मैं अपने पुत्र की कस्टड़ी लेना चाहता हूँ। मुझे क्या करना चाहिए।

समाधान-

वास्तव में आप की कोई समस्या ही नहीं है। यदि आप की पत्नी आपसी सहमति से तलाक लेना चाहती है तो आप उस के सामने शर्त रख सकते हैं कि आप तभी तलाक देंगे जब वह स्वेच्छा से आप के पुत्र की कस्टड़ी आप को दे देगी। इस के लिए यदि वह तैयार हो जाती है तो आप सहमति से तलाक लेंगे तब तलाक की अर्जी में लिख सकते हैं कि पुत्र आप के साथ रहेगा। वैसे भी सहमति से तलाक की अर्जी में आप दोनों को बताना पड़ेगा कि पुत्र किस के पास रहेगा।

पुत्र किस की कस्टड़ी में रहेगा या तो आप दोनों सहमति से तय कर सकते हैं, या फिर न्यायालय तय कर सकता है। यदि न्यायालय कस्टड़ी की बात तय करता है तो वह आप दोनों की इच्छा से तय नहीं करेगा बल्कि  देखेगा कि उस का हित किस के साथ रहने में है। यह तथ्यों के आधार पर ही निश्चित किया जा सकता है कि बच्चे की कस्टड़ी किसे प्राप्त होगी। वैसे पुत्र 7 वर्ष का हो चुका है और आप आवेदन करेंगे तो उस की कस्टड़ी आप को मिल सकती है। क्यों कि आप की पत्नी के पास आय का अपना साधन है यह आप ने स्पष्ट नहीं किया। जहाँ तक देख रेख का प्रश्न है तो निश्चित रूप से चाहे लड़का हो या लड़की माँ अपने बच्चों का पालन पोषण पिता से अधिक अच्छे से कर सकती है।

मारी राय है कि आप को बच्चे की कस्टड़ी के सवाल को अभी त्याग देना चाहिए और आपसी सहमति से तलाक ले लेना चाहिए। उस से आप एक नए जीवनसाथी के साथ अपना नया दाम्पत्य आरम्भ कर सकते हैं। बाद में आप को लगता है कि बच्चे का भविष्य माँ से बेहतर आप के साथ हो सकता है तो आप बाद में भी इस के लिए आवेदन कर सकते हैं।

Print Friendly, PDF & Email
4 Comments