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बहिन को आत्मनिर्भर होने में मदद करें ….

समस्या-

सीमा ने झाँसी, उत्तर प्रदेश से पूछा है-

मेरी छोटी बहन की शाधी 5 साल पहले हुई थी। उस के 4 साल की लड़की है। जीजा जी को उन के पापा के स्थान पर रेलवे में नौकरी मिली है। मेरी बहन को बहुत मारते हैं। अभी दो माह पहले बहुत मारा, वो घर आ गई। अब उस की ननद, सास उन के जीजाजी कहते हैं कि वो घर से भाग गई है उन के जीजाजी पुलिस में हैं जो आये दिन धमकाते रहते हैं। इस से मेरा पूरा घर परेशान है। कोई सही रास्ता बताएँ जिस से मेरी बहन के साथ न्याय हो।

समाधान-

प अपनी बहन के साथ न्याय चाहती हैं तो सब से पहले इस बात की तैयारी करें कि आप को उन्हें अपने पति के घर नहीं जाने देना है और ऐसी कोशिशें करनी हैं जिस से वे अपने पैरों पर खड़ी हो जाएँ। कोर्ट कचहरी कागजी न्याय देती हैं। उस से जीवन में शायद ही कुछ हासिल हो। यदि आप की बहन अपने पैरों पर खड़ी हो कर आत्मनिर्भर हो जाएगी उस की तो तीन चौथाई समस्याएँ समाप्त हो जाएंगी।

प की बहन के ससुराल वाले सही कहते हैं कि आप की बहिन भाग आई है। यदि उस के साथ मारपीट होगी, अमानवीय व्यवहार होगा तो उस के पास भाग कर आने के सिवा क्या मार्ग है। आप पुलिस को सीधे कहिए कि वह भाग कर न आती तो उस की जान भी ली जा सकती थी। आप अपनी बहन से 498-ए में तथा स्त्री धन न देने के लिए धारा 406 आईपीसी में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाइये। पुलिस कार्यवाही न करे तो न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कराइए। साथ ही सीधे विवाह विच्छेद का आवेदन धारा 13 हिन्दू विवाह अधिनियम में क्रूरता के आधार पर प्रस्तुत कराइए व धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता तथा घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 में भरण पोषण के खर्च के लिए आवेदन कराइए। इसी से मार्ग निकलेगा। इस के लिए आप के परिवार को बहिन के साथ खड़ा होना होगा और इस लड़ाई में उस का साथ देना होगा।

प के बहनोई का जीजा पुलिस में है तो उस के एसपी, आईजी और डीआईजी को उस की शिकायत कीजिए कि वह अपने साले को अपराध में सहायता पहुंचाता है। शिकायत सही कर दी तो जीजाजी चुप हो लेंगे।

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