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बही में लिखावट के आधार पर रुपया वसूली के लिए दीवानी दावा किया जा सकता है

समस्या-

मैं ने दो वर्ष पूर्व किसी व्यक्ति को कुछ रुपया 2 प्रतिशत ब्याज पर एक वर्ष के करार पर उधार दिया  था और बही में लिखवा कर उक्त व्यक्ति के हस्ताक्षर करवा लिए थे।  अब वह व्यक्ति न  तो ब्याज दे रहा है और ही रुपया लौटा रहा है। क्या उक्त रुपया न्यायालय द्वारा प्राप्त किया जा सकता है?

-विनोद कुमार कुमावत, गुढ़ा गौरजी, राजस्थान

समाधान-

दि आप आम तौर पर रुपया उधार देने का व्यवसाय करते हैं तो उस के लिए लायसेंस का होना आवश्यक है।   यदि बिना लायसेंस के आप रुपया उधार देते हैं तो इसी आधार पर आप का वाद निरस्त हो सकता है कि आप के पास रुपया उधार देने के लिए लायसेंस नहीं है।

लेकिन कोई भी व्यक्ति अपने किसी परिचित, पड़ौसी, मित्र या जानकार की मदद करने के लिए उसे उधार दे सकता है।  यदि आप आम तौर पर उधार नहीं देते हैं और बही में उधार देने के अधिक लेख नहीं हैं तो आप उस बही में लिखावट के आधार पर, जिस पर उधार लेने वाले व्यक्ति के हस्ताक्षर हैं, अपने रुपए की वसूली के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत कर सकते हैं।

मेरी राय में आप को अपने वकील के माध्यम से पहले उस व्यक्ति को रुपया चुकाने के लिए एक कानूनी नोटिस देना चाहिए।  नोटिस की अवधि समाप्त हो जाने पर आप अपना रुपया वसूल करने के लिए वाद प्रस्तुत कर सकते हैं।  लेकिन याद रहे जिस दिन आप ने रुपया उधार दिया है उस तिथि से तीन वर्ष व्यतीत होने के पहले ही यह वाद आप न्यायालय में प्रस्तुत कर सकते हैं, तीन वर्ष की अवधि समाप्त हो जाने के उपरान्त नहीं।

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