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वसीयत से संपत्ति जीवनकाल के बाद ही हस्तांतरित होगी तथा वसीयतकर्ता अपने जीवन काल में वसीयत बदल सकता है

समस्या-

जिला भीलवाड़ा, राजस्थान से छीतरलाल गाडरी ने पूछा है-

मेरे काकाजी ने मुझे बचपन से गोद लिया था तथा उनके एक बेटी भी है! मैं बचपन से उनके घर पर रह रहा हूँ तथा उन की जमीन-जायदाद काम में ले रहा हूँ।  २१ साल पहले मेरे काकाजी की मृत्यु हो चुकी है।  इसके बाद मेरे बडे भाई ने धोखे से सारी जायदाद काकाजी की बेटी के नाम करवा दी तथा मुझे कुछ भी हिस्सा नहीं मिला।  मेरी बहन (काकाजी की बेटी) ऐसा नही चाहती है तथा वह सारी जायदाद मेरे नाम करवाना चाहती है इसलिए उसने सारी जायदाद मुझे दे दी।  १२ साल पहले उसने ३ बीघा ३ बिस्वा जमीन मेरे नाम करवा दी।  शेष ५ बीघा जमीन उसके नाम पर ही है।  शेष जमीन को भी वो मेरे नाम करवाना चाहती है।  मेरे पास ऐसा कोई लिखित प्रमाण नहीं है जिससे मैं बता सकूँ कि मुझे गोद लिया गया है सिवाय बहन (काकाजी की बेटी) के मौखिक कथन के।  क्या शेष जमीन की रजिस्ट्री कराने के अलावा कोई और विकल्प है जिससे बहन (काकाजी की बेटी) की मृत्यु के बाद या पहले जमीन मेरे नाम आ जावे?

समाधान

प की समस्या का समाधान आसान है। आप अपनी बहिन से उस कृषि भूमि को अपने नाम तथा उस का जीवन काल में ही आप की मृत्यु हो जाने पर आप के उत्तराधिकारियों के नाम वसीयत करवा लें और इस वसीयत को उपपंजीयक के कार्यालय में पंजीकृत करवा लें।  इस वसीयत में यह भी लिखाएँ कि उस के पिता  जी ने आप को गोद ले लिया था लेकिन उस का कोई लिखित सबूत नहीं होने के कारण सारी सम्पत्ति उसे मिल गई थी। इस वसीयत के कारण आप की बहिन के जीवन काल में यह कृषि भूमि उसी के स्वामित्व की रहेगी।  बहिन के जीवनकाल के बाद इस कृषि भूमि का नामान्तरण अपने नाम करवा सकते हैं। यदि बहिन के जीवनकाल में ही आप का देहान्त हो जाए तो आप के उत्तराधिकारी इस वसीयत के आधार पर उन के नाम कृषि भूमि का नामान्तरण करवा सकेंगे।

स में केवल यही एक दुविधा आप को बनी रहेगी कि बहिन अपने जीवन काल में इस वसीयत को बदल न दे।  क्यों कि आप के बड़े भाई का यह उद्देश्य रहा हो सकता है कि अभी जमीन बहिन के नाम करवा दी जाए।  बाद में उस से  अपने नाम वसीयत करायी जा सकती है।  यदि बहिन वसीयत न करे तो वह जमीन आप दोनों भाइयों को आधी आधी मिल सकती है।  लेकिन आप को बहिन पर पूरा विश्वास है तो आप वसीयत से आप का यह काम हो जाएगा।   सभी बुरी संभावनाओं  से बचने के लिए आप चाहते हैं कि अभी यह कृषि भूमि आप के नाम हो जाए तो आप को अपने नाम बहिन से दान-पत्र पंजीकृत करवा कर उक्त भूमि अपने नाम हस्तांतरित करानी होगी। इस से आप तुरंत अपने नाम नामांतरण खुलवा सकते हैं। बस इस में आप को भूमि की कीमत पर स्टाम्प ड्यूटी अदा करनी होगी।

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