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विक्रय पत्र की मूल या प्रमाणित प्रति कैसे प्राप्त करें।

समस्या-

जवाहर प्रसाद यादव ने बिच्छी चांछर, बिहार से पूछा है-

मारे दादा जी ने एक जमीन खरीदी थी करीब 1995 से 2004 के बीच। जमीन दादा जी के नाम से रजिस्टर्ड भी हो गया था। लेकिन चाचा ने असल केवाला विक्रय पत्र की कॉपी नहीं निकलवाया क्यों कि जो रसीद दिया गया था वो बारिश होने की वजह से पानी में घुल गया। हमारे पास उस जमीन का कोई प्रमाण नहीं है। अब जमीन का केवाला कैसे निकलवाया जाए?

समाधान-

दि आप के यहाँ से कोई भी उस केवाला (विक्रय पत्र) की मूल प्रति लेने के लिए नहीं गया तो मूल प्रति अभी भी उप पंजीयक के कार्यालय में उपलब्ध होगी या फिर उप महानिरीक्षक पंजीयन के यहाँ सुरक्षित किए गए रिकार्ड में उपलब्ध हो सकती है। यदि आप को केवाला पंजीकृत होने का वर्ष पता हो या न भी हो तो भी जिन वर्षों में उस के पंजीयन होने की संभावना प्रतीत हो उन वर्षो की पुस्तक सं. 1 का निरीक्षण उक्त दोनों कार्यालयों में से कहीं भी किया जा सकता है। यदि पंजीयन  की तारीख पता हो तो कोई परेशानी ही नहीं होगी। आप शुल्क दे कर रिकार्ड का निरीक्षण करें।  निरीक्षण से आप को पंजीकृत होने की तारीख, पंजीकरण सं. आदि पता लग जाएगी। इस के बाद आवेदन दे कर उस की प्रमाणित प्रतियाँ प्राप्त कर लें। प्रमाणित प्रति का भी वही मूल्य है जो मूल का है। जहाँ जरूरत हो व हाँ मूल के खो  जाने या रजिस्ट्रार कार्यालाय से प्राप्त न करने के संबंध में शपथ पत्र दिया जा सकता है। यदि मूल प्रति भी रिकार्ड में लगी हो या उप पंजीयक कार्यालय में उपलब्ध हो तो वही कार्यालय आप को बता देगा कि मूल प्रति कैसे प्राप्त की जा सकती है।

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