DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

सामान्य परिस्थिति में संतान की अभिरक्षा वयस्क होने तक माता को ही प्राप्त होती है।

mother_son1समस्या-

सारिका ने मध्य प्रदेश राज्य के भोपाल से समस्या भेजी है कि


मेरे पति डिलिवरी के पहले से ही मुझे धमकी देते थे कि मेरा बच्चा मुझे दे दो और तुमको जहाँ जाना हो चली जाओ। इसके अलावा वो शराब पीकर मेरे बच्चे के पास आते हैं जिससे उस पर बुरा असर पड़ता है। वो अभी छोटा है और उल्टियाँ करने लगता है।  हमारी विचारधारा में बहुत अंतर है और हमारे बहुत झगडे होते हैं। मेरे पति अक्सर मुझे कहते हैं की अगर मुझे अलग होना है तो वो आसानी से मुझको तलाक दे देंगे। शादी के वक्त उन्होंने अपनी असली उम्र छुपा ली थी। बाद में मुझे पता चला कि वो मुझसे 15 साल बड़े हैं। जनरेशन गैप के कारण वो चाहते हे की मैं उनके पैर के निचे रहूँ।  कहते हैं कि हम तुम्हे मारेंगे भी पीटेंगे भी, अगर रहना है तो रहो वर्ना मत रहो। मेरे परिवार में मेरी माँ अकेली है और कोई नहीं है जो मेरा साथ दे सके। मेरे पति को अगर मैं सहमति से तलाक का आवेदन लगाती हूँ और उन्होंने सहमति से तलाक नहीं लिया मुकर गए तो में अगला स्टेप क्या उठा सकती हूँ? मेरा बच्चा 5 महीने का है और मैं सेंट्रल की जॉब में हूँ और मेरे पति प्राइवेट जॉब में। मैं चाहती हूँ कि न केवल मेरा बच्चा 7 साल के लिए बल्कि हमेशा के लिए मेरे पास रहे। मुझे क्या करना चाहिए? क्या मुझे पति से अलग हो जाना चाहिए या उनकी गाली गलौच बर्दाश्त करके रहना चाहिए क्यों कि मेरा बच्चा बहुत छोटा है।

समाधान-

पका विवाह बेमेल विवाह है। आप के पति ने अपनी उम्र छुपा कर आप से विवाह तो कर लिया लेकिन उन्हें अब अहसास है कि उन्हों ने गलती की है। वे खुद उस विवाह को संभाल नहीं पा रहे हैं। वे आप से अलग होना चाहते हैं। लेकिन वे चाहते हैं या तो तलाक सहमति से हो या फिर आप खुद उस के लिए पहल करें।

प का बच्चा छोटा है केवल इस आधार पर आप का इस बेमेल विवाह में रहना उचित नहीं है। यह न केवल आप के लिए अपितु आप की संतान के लिए भी ठीक नहीं है।जरा आप सोचिए बच्चे को पालने में सर्वाधिक बल्कि लगभग पूरा योगदान आप का है। आप के पति का योगदान नहीं के बराबर रहा होगा। यदि आप खुद इस संबंध से खुश और सुखी नहीं है तो आप की संतान जिसे पालने की सर्वाधिक जिम्मेदारी आप उठा रही हैं, उस का पालन पोषण भी आप ठीक से नहीं कर सकतीं और नही उसे पालन पोषण के लिए अच्छा वातावरण दे सकती हैं।

प जिन परिस्थितियों में हैं उन में हमारी राय में आप को तुरन्त पति का घर छोड़ कर अलग अथवा अपनी माता जी के साथ रहना आरंभ कर देना चाहिए। उस के बाद आप अपने पति से बात करें कि क्या वह सहमति से विवाह विच्छेद के लिए तैयार है या नहीं। तब आप अपनी शर्त स्पष्ट कर दें कि बच्चा वयस्क होने (18 वर्ष की उम्र) तक आप के साथ रहेगा। वयस्क होने के बाद न्यायालय यह तय नहीं करेगा कि बच्चा किस के पास रहेगा। तब बच्चा खुद निर्णय करेगा कि वह किस के साथ रहे। बच्चे के भरण पोषण के लिए पिता का क्या योगदान होगा यह भी आप सहमति  से विवाह विच्छेद के समय तय कर सकते हैं।

दि आप के पति सहमति से विवाह विच्छेद के लिए तैयार न हों या ऐसी संभावना हो कि वे प्रक्रिया पूरी होने के पहले ही अपनी सहमति वापस ले सकते हैं तो आप सहमति से विवाह विच्छेद के स्थान पर हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा-13 के अन्तर्गत अपनी ओर से विवाह विच्छेद का आवेदन प्रस्तुत कर सकती हैं। इस के लिए पति का जो व्यवहार है वह क्रूरतापूर्ण व्यवहार की श्रेणी का है और उस आधार पर आप को आसानी से विवाह विच्छेद मिल जाएगा।

हाँ तक बच्चे की अभिरक्षा का प्रश्न है तो वह निर्णय न्यायालय बच्चे के हित को देखते हुए करता है। सामान्य परिस्थितियों में बच्चे का हित उस की माँ के साथ ही होता है इस कारण से अधिकांश निर्णय यही होता है कि बच्चा माँ के साथ रहेगा। आप की परिस्थितियों में भी इस बात की संभावना अत्यधिक है कि बच्चे की अभिरक्षा उस के वयस्क होने तक आप के पास ही रहे।  इस मामले में आप को चिन्तित होने की आवश्यकता नहीं है।

Print Friendly, PDF & Email
One Comment