DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

स्त्री को अपनी संपत्ति की वसीयत का पूर्ण अधिकार …

Say-Noसमस्या-

राकेश ने हिसार हरियाणा से पूछा है-

मेरे दादा जी ने 12 एकड़ भूमि खरीदी थी और देहान्त से पहले उन्होने 12 एकड़ भूमिअपनी पत्नी के नाम वसीयत करवा दी अब वो भूमि उनकी पत्नी के नाम है। मेरेदादा जी के 2 लड़के और 3 लड़कियाँ हैं। दादा जी ने एक लङके को अपने भाई कोगोद दे दिया। अब मामला यह है कि दादी जी ने 12 एकड़ भूमि की वसीयत अपनी तीनों पुत्रियों और जो पुत्र गोद दिया था उसकी पत्नी के नाम करवा दी। मतलब कि दादी ने चार लोगों के नाम वसीयत करवा दी। दादी जी अब तक जीवित है। क्या इस वसीयत के अनुसार गोद दिया पुत्र की पत्नी को हक मिलेगा। क्या जो एक पुत्र जिसके नाम वसीयत नहीं है उसको कानून के अनुसार हक मिलेगा? क्यायह वसीयत कानून के तहत उचित है?

समाधान-

दादा की खरीदी हुई जमीन उन की स्वअर्जित सम्पत्ति थी, जिसे वे किसी के भी नाम कर सकते थे। उन्हों ने अपनी पत्नी के नाम वह जमीन कर दी। हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार स्त्री की संपत्ति पर उस का एब्लोल्यूट राइट होता है। अर्थात उस में किसी का किसी प्रकार का दखल नहीं होता। इस तरह वर्तमान में आप की दादी उक्त संपत्ति की एकमात्र स्वामी हैं और उन्हें वसीयत करने का, उसे बेचने का या दान आदि करने का पूरा अधिकार है।

प की दादी ने जो वसीयत की है वह पूरी तरह वैध है। लेकिन वसीयत तो वसीयतकर्ता के देहान्त के उपरान्त ही प्रभावी होती है। इस कारण वसीयतकर्ता के जीवन काल में उस की वैधता का मूल्यांकन उचित नहीं है। दादी मरते दम तक वसीयत निरस्त कर सकती है, उसे बदल सकती है या निरस्त कर सकती है। उन के देहान्त के उपरान्त उन की किसी भी संपत्ति के बारे में उन की अन्तिम वसीयत ही मान्य होगी।

Print Friendly, PDF & Email