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स्थाई संपत्ति पर विपरीत कब्जा हो जाने की तिथि से 12 वर्ष पूर्ण होने तक ही कब्जे का वाद किया जा सकता है

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समस्या-
मौरावां, जिला उन्नाव, उत्तर प्रदेश से मुदित गोयल ने पूछा है –

मेरे पैतृक घर के पीछे 8फीट चौडा एवम 25 फीट लम्बा एक रास्ता है जिसको कि मेरे बाबाजी ने यहाँ के जमींदार से 1966 में खरीदा था।  उस रास्ते के बिल्कुल आगे के 10 फीट की जगह पर एक दबंग टाईप के व्यक्ति ने करीब 11 साल से कब्जा किया हुआ है। वो वहाँ से कब्जा नहीं हटाना चाहता है एवम् मारपीट को तैयार हो जाता है। मेरे पास सिर्फ बाबा के नाम की वो रसीद है जो उन्हें जमींदार ने रास्ता खरीदने पर 1966 में दी थीl उचित सलाह दें।

समाधान –

कोई भी भूमि स्थावर संपत्ति होती है। कोई भी स्थावर संपत्ति यदि उस का मूल्य 100 रुपए या उस से अधिक का हो तो उसे केवल पंजीकृत विलेख के माध्यम से ही स्थानान्तरित किया जा सकता है। यदि उस रास्ते की खरीद कीमत 100 रुपया या अधिक हुई तो यह रसीद रास्ते के हस्तान्तरण का सबूत नहीं बन सकती। यदि रास्ते की कीमत 100 रुपए से कम की थी तो उसे संपत्ति के हस्तान्तरण के सबूत के बतौर न्यायालय में प्रस्तुत किया जा सकता है।

बंग पड़ौसी को उक्त रास्ते की भूमि पर कब्जा किए यदि 12 वर्ष नहीं हुए हैं तो आप का कब्जा समाप्त होने और उस का कब्जा होने की तिथि से 12 वर्ष पूर्ण होने के पूर्व आप कब्जे के लिए दीवानी वाद  दीवानी न्यायालय में दर्ज करावें। अन्यथा उस व्यक्ति का कब्जा हुए 12 वर्ष पूर्ण हो जाने पर उस व्यक्ति से कब्जा किसी भी भाँति वापस प्राप्त करना असंभव हो जाएगा। मियाद अधिनियम के अन्तर्गत कब्जा वापसी के लिए दीवानी दावा कब्जा प्राप्त करने की तिथि से 12 वर्ष की अवधि तक ही प्रस्तुत किया जा सकता है।

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