DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

पुत्री होने पर पुश्तैनी संपत्ति का बंटवारा 2005 के पहले भी धारा 8 उत्तराधिकार अधिनियम से ही होगा।

agricultural-landसमस्या-

मनोज राठौर ने भीलवाड़ा, राजस्थान से पूछा है-

मेरी नानाजी के 3 पीढ़ी पुरानी कृषि भूमिं है  जिसको मेरे मामा और नानी ने नामांतरण कर अपने नाम कर दिया है मेरे नानाजी की मृत्यु 2004 से पहले हो गयी है मेरी नानीजी अभी जीवित है.क्या मेरी मम्मी अपने पिता की यानि मेरे नानाजी की पुश्तेनी कृषि भूमि पर अपना हक जता सकती है ?

 

समाधान-

मीन  पुश्तैनी हो, या न हो। 2004 से पहले आप के नानाजी के देहान्त के बाद उक्त जमीन का उत्तराधिकार हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 8 के अनुसार ही निर्धारित होगा। 2005 के संशोधन के पूर्व भी कानून यह था कि यदि कोई संपत्ति पुश्तैनी/  सहदायिक हो तब भी यदि किसी व्यक्ति के पुत्री मौजूद है तो धारा -8 से ही उत्तराधिकार निर्धारित होगा। धारा 8 में पत्नी, पुत्र व पुत्री प्रथम श्रेणी के उत्तराधिकारी हैं।

आप की माताजी को इस आधार पर नामान्तरण को चुनौती देते हुए नामांतरण आदेश की अपील प्रस्तुत करनी चाहिए।

Print Friendly, PDF & Email
One Comment