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Tag: India

सर्वोच्च न्यायालय की विशेष अनुमति से अपीलीय अधिकारिता : भारत में विधि का इतिहास-94

सर्वोच्च न्यायालय भारत का अंतिम और उच्चतम न्यायिक निकाय है। यही कारण है कि उसे संविधान के अनुच्छेद 136 के अंतर्गत विशेष अनुमति से अपील सुनने का प्राधिकार
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सर्वोच्च न्यायालय की सामान्य अपीलीय अधिकारिता : भारत में विधि का इतिहास-93

सर्वोच्च न्यायालय भारत का अंतिम न्यायालय है जहाँ किसी न्यायार्थी को न्याय प्राप्त हो सकता है। इसे सभी प्रकार के मामलों में अपीलीय शक्तियाँ प्राप्त हैं। संवैधानिक मामले-संविधान
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नागपुर में उच्च न्यायालय की स्थापना : भारत में विधि का इतिहास-86

भारत शासन अधिनियम की धारा 229 (1) में उच्च न्यायालय स्थापित करने की शक्ति प्रदान की गई थी। इस शक्ति का प्रयोग करते हुए मध्य प्रान्त के लिए
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भारत शासन अधिनियम 1935 और विधि व्यवस्था -2 : भारत में विधि का इतिहास-85

भारत शासन अधिनियम 1935 में उच्च न्यायालयों को पूर्व में प्राप्त अधिकारिता को ही अनुमोदित किया गया था। उन्हें 1915 के अधिनियम के अंतर्गत देशज प्रथाओं और रूढ़ियों
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भारत शासन अधिनियम 1935 और विधि व्यवस्था : भारत में विधि का इतिहास-84

अगस्त 1935 में ब्रिटिश संसद ने भारत शासन अधिनियम 1935 पारित किया। इस अधिनियम ने 1919 के अधिनियम का स्थान लिया। इस अधिनियम के उपबंधों से भारत में
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पटना और लाहौर में उच्च न्यायालयों की स्थापना : भारत में विधि का इतिहास-83

पटना उच्च न्यायालय पटना उच्च न्यायालय बिहार और उड़ीसा कलकत्ता प्रेसीडेंसी के ही भाग थे। 1912 में बिहार और उड़ीसा को बंगाल से अलग कर एक अलग प्रांत
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना और अधिनियम में संशोधन : भारत में विधि का इतिहास-82

सन् 1861 के अधिनियम की धारा 16 के अंतर्गत ब्रिटिश क्राउन ने 17 मार्च 1886 को एक लेटर्स पेटेंट जारी कर उत्तर पश्चिमी प्रांतों के लिए आगरा में
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उच्च न्यायालयों की स्थापना के प्रभाव : भारत में विधि का इतिहास-81

प्रेसीडेंसी नगरों में उच्च न्यायालयों की स्थापना भारत में न्यायिक व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव था। इस से पूर्व में प्रचलित दोहरी न्यायिक प्रणाली का अंत हो गया
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उच्च न्यायालयों की अन्य अधिकारिता : भारत में विधि का इतिहास-80

दीवानी और दांडिक अधिकारिता के अतिरिक्त उच्च न्यायालयों को कुछ अन्य अधिकारिताएँ भी प्रदान की गई थीं। नौकाधिकरण की अधिकारिता- इस के अंतर्गत उच्च न्यायालयों को एडमिरल और
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उच्च न्यायालयों की दांडिक अधिकारिता : भारत में विधि का इतिहास-79

दिसंबर 1885 में जारी लेटर्स पेटेंट के द्वारा उच्च न्यायालयों की दांडिक अधिकारिता भी निश्चित कर दी गई थी। जो इस प्रकार थी- 1- साधारण आरंभिक दांडिक अधिकारिता-
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