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Tag: Injustice

पैबंद लगी पैरहन

कल के आलेख न्यायालयों की श्रेणियाँ और उन में न्यायाधीशों की नियुक्तियाँ पर सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी की टिप्पणी थी कि “इसमें परिवार न्यायालयों, उपभोक्ता फोरम व विविध ट्रिब्यूनल्स
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प्रणव दा! सिंह साहब! और सोनिया जी! न्याय के लिए कुछ नहीं, मतलब अन्याय जारी रहेंगे ?

तीसरा खंबा में 26 जनवरी, 2009 की पोस्ट थी, न्याय रोटी से पहले की जरूरत है, …. जीवन के लिए जितना हवा और पानी आवश्यक है उतना ही
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