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Tag: Legal History

भारत शासन अधिनियम 1935 और विधि व्यवस्था -2 : भारत में विधि का इतिहास-85

भारत शासन अधिनियम 1935 में उच्च न्यायालयों को पूर्व में प्राप्त अधिकारिता को ही अनुमोदित किया गया था। उन्हें 1915 के अधिनियम के अंतर्गत देशज प्रथाओं और रूढ़ियों
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भारत शासन अधिनियम 1935 और विधि व्यवस्था : भारत में विधि का इतिहास-84

अगस्त 1935 में ब्रिटिश संसद ने भारत शासन अधिनियम 1935 पारित किया। इस अधिनियम ने 1919 के अधिनियम का स्थान लिया। इस अधिनियम के उपबंधों से भारत में
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पटना और लाहौर में उच्च न्यायालयों की स्थापना : भारत में विधि का इतिहास-83

पटना उच्च न्यायालय पटना उच्च न्यायालय बिहार और उड़ीसा कलकत्ता प्रेसीडेंसी के ही भाग थे। 1912 में बिहार और उड़ीसा को बंगाल से अलग कर एक अलग प्रांत
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना और अधिनियम में संशोधन : भारत में विधि का इतिहास-82

सन् 1861 के अधिनियम की धारा 16 के अंतर्गत ब्रिटिश क्राउन ने 17 मार्च 1886 को एक लेटर्स पेटेंट जारी कर उत्तर पश्चिमी प्रांतों के लिए आगरा में
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उच्च न्यायालयों की स्थापना के प्रभाव : भारत में विधि का इतिहास-81

प्रेसीडेंसी नगरों में उच्च न्यायालयों की स्थापना भारत में न्यायिक व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव था। इस से पूर्व में प्रचलित दोहरी न्यायिक प्रणाली का अंत हो गया
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उच्च न्यायालयों की अन्य अधिकारिता : भारत में विधि का इतिहास-80

दीवानी और दांडिक अधिकारिता के अतिरिक्त उच्च न्यायालयों को कुछ अन्य अधिकारिताएँ भी प्रदान की गई थीं। नौकाधिकरण की अधिकारिता- इस के अंतर्गत उच्च न्यायालयों को एडमिरल और
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उच्च न्यायालयों की दांडिक अधिकारिता : भारत में विधि का इतिहास-79

दिसंबर 1885 में जारी लेटर्स पेटेंट के द्वारा उच्च न्यायालयों की दांडिक अधिकारिता भी निश्चित कर दी गई थी। जो इस प्रकार थी- 1- साधारण आरंभिक दांडिक अधिकारिता-
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प्रेसीडेंसी नगरों में उच्च न्यायालयों की स्थापना : भारत में विधि का इतिहास-78

कलकत्ता उच्च न्यायालय भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम-1861 (Indian High Courts Act-1861) से स्वतः ही किसी उच्च न्यायालय की स्थापना भारत में नहीं हुई। इस के लिए ब्रिटेन की
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भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम 1861 : भारत में विधि का इतिहास-77

ब्रिटिश संसद ने 1861 में भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम पारित किया और इसी के साथ भारत में उच्च न्यायालयों के इतिहास का आरंभ हुआ। इस अधिनियम द्वारा ब्रिटिश
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उच्च न्यायालयों की स्थापना के लिए अधिनियम : भारत में विधि का इतिहास-76

ब्रिटिश भारत में 1861 तक जो न्यायिक व्यवस्था विकसित हुई थी वे दो भिन्न प्रकार की थीं। प्रेसीडेंसी नगरों मद्रास, कलकत्ता और मुम्बई में सुप्रीम कोर्ट स्थापित थे
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