तीसरा खंबा

अचल संपत्ति पर कब्जे से सम्बन्धित अथिकार क्या हैं?

समस्या-

मेरे दादाजी एक भूमि पर 25 साल से आधिक समय से कोई किराया दे कर रहते हैं, या जानवर वगैरह बांधते हैं, तो क्या इस भूमि पर हमारा कोई कानूनी अधिकार है?

– सागर पटेल, निवासी -261, तिलक नगर कोंच, जिला जालौन, 285205 , उत्तर प्रदेश

समाधान-

कोई भी व्यक्ति यदि किसी भूमि या अचल संपत्ति पर काबिज है अर्थात अपना आधिपत्य रखता है तो उसे यह कानूनी अधिकार प्राप्त है कि कोई भी उस व्यक्ति से उस संपत्ति के कब्जे से बिना किसी कानूनी प्रक्रिया से प्राप्त आदेश के बिना बेदखल नहीं कर सकता। यदि उसे जबरन बेदखल किया जाता है तो वह बेदखल किए जाने की तिथि से 60 दिनों की अवधि में अपने क्षेत्र के कार्यपालक दंडनायक (एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट) के न्यायालय में धारा 145 दंड प्रक्रिया संहिता में आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। मजिस्ट्रेट दोनों पक्षों को नोटिस जारी कर के अपना अपना पक्ष रखने को कहेगा। यदि यह पाया गया कि आवेदन प्रस्तुत करने की तिथि से 60 दिन पहले की अवधि में किसी व्यक्ति को कब्जे से बिना किसी कानूनी प्रक्रिया किया गया है तो वह उस संपत्ति का कब्जा वापस उसी व्यक्ति को दिलाएगा जिस का उस संपत्ति पर कब्जा था।
इस तरह के मामलों में जिस व्यक्ति का किसी भी संपत्ति पर कब्जा है उसे इतना सक्षम होना चाहिए कि किसी तरह का विवाद हो तो वह मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्य से यह साबित कर सके कि विवाद के पूर्व उस का उस संपत्ति पर वास्तविक कब्जा था।
यदि कोई व्यक्कि किसी संपत्ति पर लायसेंसी, या किराएदारी के कारण कब्जे में है तो भी उस से बिना कानूनी प्रक्रिया के संपत्ति का कब्जा जबरन नहीं लिया जा सकता। उस के लिए भी अदालत का निर्णय होना चाहिए और कानूनी प्रक्रिया से बेदखल किया जाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति संपत्ति के स्वामी की अनुमति के बिना किसी संपत्ति पर काबिज है और इस कब्जे को 12 वर्ष से अधिक समय हो गया है तो फिर संपत्ति का स्वामी अपने स्वामित्व के आधार पर उस व्यक्ति के विरुद्ध कब्जा प्राप्त करने के लिए दीवानी वाद नहीं ला सकता और इस तरह कहा जाता है कि जो व्यक्ति संपत्ति पर इतने अधिक समय से काबिज है उस का उस संपत्ति पर प्रतिकूल कब्जा हो चुका है। लेकिन यह संपत्ति किसी व्यक्ति की न हो कर सरकार या किसी सरकारी संस्था की हो तो 12 वर्ष की अवधि 30 वर्ष मानी जाएगी।
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