सी.पी. मिश्रा पूछते हैं —
सर,
मेरी पत्नी माता-पिता की इकलौती संतान है। गाँव में कृषि भूमि है, घर है, पत्नी के पिता का देहान्त मार्च, 2010 में हो गया है। पत्नी की माता जी अपनी पुत्री को कुछ भी नहीं देना चाहती है। कृषि भूमि का बैनामा या वसीयत पत्नी के चाचा के लड़के को करने का मन बना लिया है। ऐसी स्थिति में पत्नी का किस संपत्ति में किस कानून की किस धारा के अनुसार क्या अधिकार बनता है? कानूनी सलाह कितने ही वकीलों से कर ली है। कोई उचित सलाह नहीं मिल सकी है। कृपया उचित सलाह दें जिस से कोई गलत कदम नहीं उठे।
उत्तर —
मिश्रा जी,
कृषि भूमि के विभाजन के लिए वाद राजस्व न्यायालय में दाखिल किया जा सकता है। दीवानी न्यायालय में सारी ही संपत्ति का विभाजन का वाद दाखिल किया जा सकता है। इस मामले में आप स्थानीय वकीलों से सलाह कर सकते हैं। आप को आप के जिला मुख्यालय पर जिला न्यायालय में प्रेक्टिस करने वाले वरिष्ठ दीवानी मामलों के वकील से इस मामले मे सलाह करनी चाहिए, और संतुष्ट होने पर उन्हें विभाजन के लिए वकील नियुक्त करना चाहिए।