तीसरा खंबा

अपने भूखंड का भू-परिवर्तन करवा कर पट्टा प्राप्त कर पंजीकृत करवाएँ।

housing colonyसमस्या-

रितेश ने इन्दौर मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मैं इंदौर में नगिन नगर में पिछले 25 सालों से रह रहा हूँ। मेरे पिताजी ने यह जमीन नोटरी पर खरीदी थी। उन्हें 2001 से नजूल विभाग से कालोनी को नियमित करने का नोटिस आया था। वो पेसे जमा भी करवा रहे थे। पर कालोनी वालों ने मना कर उन्होंने पैसे जमा नही करवाने दिया। कहा कि कालोनी काटने वाला देगा। अब मैं चाहता हूँ कि मेरी जमीन का नियमितिकरण हो जाए। क्या सरकार मेरा मकान तोड सकती है? मेरे पिताजी 1990 से नगर निगम में समपत्ति भर रहे हैं। वहाँ पर कोइ सरकारी योजना नहीं है। क्या उसका नियमितिकरण हो सकता है?

समाधान-

प अपनी समस्या को नहीं समझ पा रहे हैं कि आप की समस्या क्या है? आप अपनी समस्या को यहाँ सही से प्रकट तक नहीं कर पा रहे हैं। आप को अपनी समस्या को समझने की कोशिश करनी चाहिए। आप के पिता जी ने किसी कालोनाइजर से भूखण्ड खरीदा और मकान बना कर रहने लगे। जब मकान बना तो नगर निगम ने संपत्ति कर का नोटिस भेजा और आप कर देने लगे।

नियमितिकरण और संपत्ति कर दो अलग अलग चीजें हैं। क्यों कि आप का मकान नगर निगम की सीमा में है और आप की संपत्ति है इस कारण से नगर निगम सम्पत्ति कर नियमों के अनुसार आप से कर लेने का अधिकारी है। आप कर भी जमा करवा रहे हैं। अच्छी बात यह है कि संपत्ति कर का जमा होना इस बात का बड़ा सबूत है कि वह मकान कम से कम कर देना आरंभ करने के समय से आप के कब्जे में है। कालोनाइजर से आप के पिता ने मकान खरीदा जिस के इकरारनामा जो नोटेरी से सत्यापित कराया गया है वह कब्जा वैध रीति से प्राप्त करने का सबूत है। इस तरह मकान आप का होने के संबंध में दो सबूत आप के पास हैं।

प की समस्या यह है कि भूखंड का स्वामित्व आप के पास नहीं है। इस समस्या का मूल यह है कि जिस जमीन पर आप का भूखंड और कालोनी बसी है वह कृषि भूमि थी जिस पर उस के स्वामी ने कालोनी का मानचित्र बना कर भूखंड विक्रय कर दिए। इसी के साथ उस भूमि का चरित्र बदल गया वह कृषि भूमि न हो कर आवासीय भूमि हो गयी। लेकिन वह राजस्व रिकार्ड में अभी तक कृषि भूमि के रूप में दर्ज है। आप को अपने प्लाट की भूमि की किस्म परिवर्तन करानी है।

कृषि भूमि पर स्वामित्व सरकार का होता है। कृषक उस का मात्र किराएदार होता है जो लगान के रूप में सरकार को हर साल लगान देता है। अब इस परिवर्तन से सरकार को लगान मिलना बन्द हो गया। इसी कारण सरकार चाहती है कि आप उस का नियमितिकरण करवा लें। नियमितिकरण की प्रक्रिया में उक्त भूमि नगरीय निकाय के यहाँ दर्ज होगी तथा आप के नाम पट्टा जारी कर दिया जाएगा। जिस में लगान के स्थान पर आप के नगरीय कर का उल्लेख होगा जो आप को हर साल या एक मुश्त जमा कराना होगा। यह कार्य भू-परिवर्तन अधिकारी के कार्यालय में होगा।

प को चाहिए कि आप जिला कलेक्टर कार्यालय जा कर वहाँ जानकारी करें कि भू-परिवर्तन अधिकारी का कार्यालय कहाँ है और इन्दौर में भू-परिवर्तन का काम किस प्रकार होगा। एक बार जानकारी कर के इस के लिए आवेदन दें जिस के साथ नगर निगम के टैक्स की रसीदों की प्रतियाँ और आप के जमीन खरीद के दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे। भू-परिवर्तन शुल्क भी अदा करना होगा। जिस के बाद आप के नाम लीज डीड जारी होगी जिसे आप को उप पंजीयक के कार्यालय में पंजीकृत कराना होगा। तब वह भूखंड आप के पास लीज पर होगा।

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