तीसरा खंबा

अपने हक पर डटे रहिए, तो हक कायम रहेगा।

ऊसरसमस्या-

श्वेता तिवारी ने रीवा, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मै मध्य प्रदेश की रहने वाली हूँ। सन 1992 मे मेरे ससुर जी ने और मेरे पति ने मिलकर एक जमीन ली थी उस जमीन की रजिस्ट्री मेरे नाम है। मेरे ससुर जी ने धीरे धीरे उस प्लाट में सन 2000 में दो मंजिला मकान बनवा दिया है जिस पर मेरा सारा परिवार और सास ससुर सब रह्ते थे। सन 2009 में मेरे ससुर के देहान्त के बाद मेरी सासू जी अपने छोटे बेटे के पास जाकर रहने लगी और अब कुछ समय पश्चात मेरे देवर घर आकर हम सब को धमकी देते हैं कि मैं इस मकान में हिस्सा ले के रहूंगा और उन्होने इसके लिये कचहरी के चक्कर काटने शुरु भी कर दिये हैं। जब कि गाँव में 4 बीघा पैतृक सम्पति भी है जिस में से हम लोगो ने अभी एक दमडी भी नहीं लिया है। वे पिछले 20 सालों से उस पर अनाज पैदावार करके कमाई कर रहे हैं। ससुर जी उन के लिये भी गांव में ही मकान बनवाया है। जब मेरे पति ने उनसे ये कहा की भाई जो पैतृक जमीन है हमारे हिस्से वाली उसे तुम्हीं खरीद लो कुछ पैसे कम ही सही दे देना। जमीन तुम्हारी ही रहेगी इतने मे देवर जी भडक गये। कहे कि कोई हिस्सा नहीं मिलेगा अब तो गोलियाँ चलेंगी और उस मकान (मेरे नाम वाला मकान) में भी हिस्सा लूंगा। अब आप उचित राय दे मुझे क्या करना चाहिये?

समाधान-

प को परेशान होने की जरूरत नहीं है। जो मकान आप का है वह आप का ही रहेगा। आप के देवर को सही सलाह मिली तो वे कोई मुकदमा न करेंगे। यदि करते हैं तो उन्हें असफलता मिलेगी। उन की बातों से उत्तेजित या घबराने की कोई बात नहीं है।

दि आप के देवर गाँव की जमीन में हिस्सा देने को तैयार नहीं हैं होते हैं तो आप के पति को चाहिए कि वे गाँव की जमीन के बँटवारे का मुकदमा कर दें। समय तो लगेगा पर विभाजन हो कर आप के पति का हिस्सा बन कर उस का कब्जा मिल जाएगा। तब जमीन आप के पति के हिस्से को बेचा जा सकता है। कोई गोलियाँ नहीं चलेंगी। यदि आप को लगता है कि देवर कुछ ऐसा भी कर सकता है और अब की बार धमकी दे तो पुलिस को रिपोर्ट कराइएगा। हिम्मत कर के अपने अधिकार पर डटे रहना पड़ेगा। चीजें ठीक हो जाएंगी।

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