तीसरा खंबा

अपने हिस्से की कृषि भूमि का विक्रय करने के पहले विधिपूर्वक बँटवारा करा लेना बेहतर है।

समस्या-

जयपुर, राजस्थान से प्रकाश ने पूछा है –

मेरे माता-पिता की जमीन एक खसरा में 3 बीघा है तथा कुल रकबा 8 बीघा और 7 बिस्वा का है, जिस में मेरे पिताजी के नाम के अलावा अन्य खातेदार भी हैं, सब अपनी अपनी जमीन पर कब्ज़ा बनाये हुए हैं।  हम अपनी 3 बीघा जमीन पर कब्ज़ा बनाये हुए हैं तथा उस पर खेती करते हैं। लेकिन जब हम इसे बेचने के लिए किसी ग्राहक को बुलाते हैं तो बाकी के खातेदार उन्हें डरा धमकाकर भगा देते हैँ।   मेरे परिवार में मेरे माता-पिता (50-55 साल) के अलावा मैं उनकी इकलौती संतान हूँ। मैं अभी 22 साल का हूँ और पढाई करता हूँ।  इस 3 बीघा जमीन के अलावा भी हमारी जमीन है। लेकिन उस में भी मेरे चाचा तथा ताऊ जी के लडकों के भी नाम हैं। लेकिन उन खसरों पर भी किसी का बँटवारा नहीं हुआ है।  जिस 8 बीघा 7 बिस्वा के खसरे पर हमारी 3 बीघा है, उसपर हमने अपना मकान भी बना रखा है और बाकी लोगों ने भी अपने मकान इसी खसरे पर बना रखे हैं।  अब मकान पास पास है लेकिन अलग अलग हैं।  मेरे ताऊ जी और चाचा के लड़के मेरे माता पिता को परेशान करते हैं।  हम वहां से अपनी जमीन बेच कर कहीं अन्यत्र जाना चाहते हैं लेकिन मेरे ताऊ जी और चाचा के लड़के ग्राहक को डराते धमकाते हैं।  मैं घर से दूर रहकर पढाई करता हूँ।  मुझे आप इस जमीन के बँटवारे को लेकर उचित समाधान दें।  जो लोग मेरे माता पिता को परेशान करते हैं क्या मैं उन्हें कोर्ट से पाबंद करा सकता हूँ? इस के लिए मुझे क्या करना पड़ेगा?

समाधान-

प बाहर रह कर पढ़ाई कर रहे हैं। यहाँ माता-पिता अकेले हैं। आप के चाचा ताऊ के लड़के समझते हैं कि आप खेती नहीं करेंगे और एक दिन बेचेंगे। यहagricultural-land खेती उन्हें किसी तरह बिना कोई कीमत दिए अथवा नाम मात्र की कीमत दिए मिल जाए ऐसा वे सोचते हैं, इसी कारण आप के माता पिता को परेशान करते हैं, उन की परेशानी का एक अस्थाई हल तो ये है कि आप के माता पिता की ओर से एसडीओ व कार्यपालक दंडनायक के न्यायालय में धारा 107, 116 (3) दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत एक परिवाद प्रस्तुत कर आप के चाचा-ताऊ के लड़कों को शान्ति बनाए रखने के लिए पाबंद करवा सकते हैं।

बँटवारा कराने के लिए आप को अपने पिता जी की ओर से न्यायालय में बँटवारे का वाद प्रस्तुत करना चाहिए। एक बार बँटवारे की डिक्री हो जाए और उस के हिसाब से राजस्व रिकार्ड में नामान्तरण हो जाए तो कोई भी जमीन खरीदने वाले को नहीं भटका सकेगा। वैसे बँटवारे के बिना भी कोई व्यक्ति संयुक्त संपत्ति में से अपना हिस्सा किसी को भी विक्रय कर सकता है। विक्रेता अपने हिस्से को विक्रय कर उस के कब्जे की जमीन में से बेची गई जमीन जितने हिस्से पर क्रेता को कब्जा भी हस्तांतरित कर सकता है। इस पर किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं है।  पर बेहतर यह है कि आप पहले संपत्ति का विभाजन करवा लें और फिर जो जमीन मकान आप के पिता के हिस्से में आए उस में से विक्रय करें। इस से आप को विक्रय की गई संपत्ति के दाम भी अच्छे मिलेंगे।

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