तीसरा खंबा

अपील का समय निकल जाने पर निर्णय बदला जाना संभव नहीं है

समस्या-

अरटेल मोबाईल फोन कम्पनी से मैं ने एक सिम ली थी करीब वर्ष 2006 में उस सिम को कम्पनी ने वेरिफिकेशन की आड़ में बंद कर दिया।  बिल मांगे जाने के बावजूद भी 01.01.2011 को सिम खरीदी का कोई बिल नहीं दिया।  पाँच वर्ष उपभोक्ता रहते सिम में बेलेंस 68 रुपया रहा जिस को बंद कर दिया।  बंद होने पर मैंने मेरे कागजात प्रस्तुत किये।  फिर भी कोई सुनवाई नही होने पर उपभोक्ता मंच में वाद दायर किया।  जिस का फैसला जिला उपभोक्ता मंच से आया कि प्रार्थी ने नए नम्बर ले लिए इसलिए इनको नए नम्बर नहीं दिये जाएँ।  कारण कि इसी कम्पनी की सिम ले ली है।  हर्जाना 2,000.00 रुपया कुल का आदेश हुआ।  परन्तु मुझे तो मांगे गए नम्बर की आवश्यकता थी।  वाद मेरा मांगे गए फोन नम्बर का था।  फैसला आये 6 माह से ऊपर हो गए हैं।  हर्जाना वसूली के आदेश आ गए।  परन्तु मुझे मेरे मोबाईल फोन नम्बरों की आवश्यकता ही थी।  अब क्या करूँ? लगातार में पाच वर्ष से उपभोक्ता रहा हूँ।

– रघुनाथसिंह राणावत, राजसमन्द, राजस्थान

समाधान-

प ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच के समक्ष जो शिकायत प्रस्तुत की थी जिस का निर्णय हो चुका है।  यदि आप इस निर्णय से असंतुष्ट थे तो आप को निर्णय से तीस दिनों की अवधि में राज्य मंच को अपील करनी चाहिए थी।  लेकिन आप ने वह अपील नहीं की है।  जिला मंच का निर्णय अंतिम हो चुका है।  अब इस मामले में कुछ भी नहीं हो सकता।  जिला मंच ने जो हर्जाना आप को दिलाया है उसी पर आप को संतुष्ट होना पड़ेगा।

वैसे भी जब आप दूसरा नंबर ले चुके हैं  और उस से काम चला रहे हैं।   आप के यह कहने मात्र से कि आप को वही नंबर चाहिए आप के उसी नंबर की आवश्यकता सिद्ध नहीं होती है।  आप को कारणों और साक्ष्यों के साथ यह बताना जरूरी था कि आप को वही नंबर क्यों आवश्यक रूप से चाहिए।  यह भी बताना आवश्यक था कि आप को उन नंबरों के न मिलने से क्या हानि हो रही है और ऐसी हानि अपूरणीय है।  मुझे नहीं लगता कि किसी फोन नं. के न मिलने से कोई अपूरणीय क्षति हो सकती है।

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