समस्या-
सिंगरोली, मध्यप्रदेश से बीरेन्द्र पाण्डेय ने पूछा है-
मैं ने एक व्यक्ति को जरूरत होने पर पचास हजार रुपए दिए थे। उस ने छह माह बाद मुझे चैक दिया लेकिन चैक बाउंस हो गया। मैं ने कोर्ट में चैक बाउंस का मामला दर्ज करा दिया। लेकिन यहाँ से भेजा गया समन कोई प्राप्त नहीं कर रहा है। आरोपी को जिस पते पर समन भेजा जाता है वह उस की पहली पत्नी के मायके का पता है। आरोपी का यही पता दे कर बैंक में खाता खुलवाया था और ठेकेदारी का काम करता था। आरोपी का स्थाई पता हम नहीं जानते। आरोपी ससुराल में भी नहीं रहता है। समन भी कोई रिसीव नहीं कर रहा है। अब हमें क्या करना चाहिए?
समाधानः
अपराधिक मामलों में यदि कोई अभियुक्त गायब हो जाता है तो उसे तलाश कर पाना बहुत कठिन हो जाता है। लेकिन यदि मुकदमा न्यायालय में लंबित है और समन तामील नहीं हो रहा है तो अभियोजन पक्ष न्यायालय को आवेदन दे कर उस व्यक्ति का जमानती या गिरफ्तारी वारंट इस आधार पर जारी करवा सकता है कि अभियुक्त जानबूझ कर समन की तामील होने देने से बच रहा है। न्यायालय वारंट जारी कर देता है और अभियुक्त फिर भी पकड़ में नहीं आता है तो अभियोजन पक्ष को चाहिए कि वह न्यायालय को धारा 82 दंड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत आवेदन करे कि अभियुक्त न्याय से भाग रहा है और फरार हो गया है।
इस आवेदन पर न्यायालय अभियुक्त के फरार हो जाने की उद्घोषणा के लिए कार्यवाही करेगा और अभियुक्त के फरार होने की उद्घोषणा कर देगा। इस उद्घोषणा के बाद न्यायालय कभी भी धारा 83 के अन्तर्गत कार्यवाही कर के फरार अभियुक्त की संपत्ति को कुर्क कर सकेगा।
इस कार्यवाही से आप को यह लाभ मिलेगा कि आप के द्वारा प्रस्तुत किया गया अभियोजन समाप्त नहीं होगा और अभियुक्त के विरुद्ध स्थाई वारंट जीवित रहेगा। जब भी अभियुक्त का पता मिल जाए तब आप न्यायालय या पुलिस को सूचित कर के उसे न्यायालय के समक्ष लाने के लिए गिरफ्तार करवा सकते हैं। अभियुक्त के न्यायालय के समक्ष आते ही आप के मुकदमे पर पुनः विचारण आरंभ हो जाएगा।