तीसरा खंबा

अवैध विवाह को होने से रुकवाया जा सकता है

 अनुराधा ने पूछा है –
मैं जानना चाहती हूँ कि आज से दो साल पहले मेरी सहेली की शादी एक मंदिर में हिन्दू रीति रिवाज से हुई थी, जिस में लड़की की माँ और लड़के का चचेरा भाई शामिल थे। एक स्टाम्प पेपर पर गवाहों, पंडित और लड़के-लड़की के हस्ताक्षर हैं। सहेली का पति दो साल से कह रहा है कि वह अपने घर वालों को समझा-बुझा कर अपने घर ले जाएगा। लेकिन अब लड़का दो सप्ताह बाद दूसरे स्थान पर शादी कर रहा है। क्या कुछ किया जा सकता है?

 उत्तर –
अनुराधा जी,

प के विवरण से लगता है कि हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत आप की सहेली की शादी वैध थी। कोई भी व्यक्ति पहली पत्नी या पहले पति के जीवित रहते उस से विवाह विच्छेद किए बिना दूसरा विवाह करता है तो वह प्रारंभ से शून्य और अवैध होगा।  इस कारण से यदि आप की सहेली का पति इस शादी के रहते पुनः विवाह करता है तो अब होने वाली शादी न केवल अवैध होगी अपितु धारा 494 आईपीसी में अपराध भी होगी। पुलिस इस मामले में होने वाले अपराध को रोकने के लिए कार्यवाही कर सकती है, और  आप की सहेली के पित को गिरफ्तार भी कर सकती है।

स मामले में आप की सहेली को पुलिस में रिपोर्ट करानी होगी। अधिक अच्छा है कि तुरंत जिस इलाके में विवाह संपन्न होने जा रहा है उस इलाके के एस.पी. से समय ले कर, आप की सहेली मिले और सारी बात एस.पी. को बताए। पुलिस अधीक्षक संबंधित पुलिस थाने को रिपोर्ट लिख कर कार्यवाही करने का निर्देश दे सकता है। यदि पुलिस कोई कार्यवाही करने में आनाकानी करती है तो अगले ही दिन अदालत में इस तरह की शिकायत प्रस्तुत कर आप की सहेली के तुरंत बयान कराए जाएँ। अदालत उस मामले को तुरंत पुलिस को कार्यवाही के लिए भेज सकती है।
स के अतिरिक्त आप की सहेली आप की सहेली के पति और उस के साथ विवाह करने को तैयार लड़की और उन के माता पिता के विरुद्ध दूसरा विवाह न करने के लिए निषेधाज्ञा प्राप्त करने के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत कर सकती है, इस पर न्यायालय सभी प्रतिवादीगण को नोटिस जारी करेगा और विवाह के विरुद्ध अस्थाई निषेधाज्ञा जारी कर सकता है। 
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