समस्या-
अमित कुमार ने गाँव व पोस्ट रालामऊ, जिला सीतापुर, उत्तर प्रदेश से पूछा है-
मेरी बहन गाँव में ही एक लड़के से प्रेम करती थी, उसने 23.09.2020 को उस लड़के से प्रेम विवाह कर लिया था। जिस लड़के से विवाह हुआ उन लोगों से पुरानी दुश्मनी थी। अब मेरी बहन के ससुराल वाले मेरी बहन के साथ रोज़ मार-पीट करते हैं। आज तो उसके साथ मार पीट कर उसे घर से भगा भी दिया। घर में आने नहीं दे रहे हैं। मेरी बहन मेरे यहाँ आई है। मैंने 112 काल करके पुलिस से शिकायत भी की पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, मैं क्या करूँ कृपया सहायता करें?
समाधान-
आपकी बहन ने प्रेम विवाह किया इस में कुछ भी गलत नहीं किया। उसने जिस से प्रेम किया उससे विवाह किया। आप को उससे पूछताछ करनी चाहिए कि विवाह के बाद उसके पति का उसके साथ क्या रवैया रहा है? यह भी हो सकता है कि उस लड़के ने विवाह केवल आपके परिवार से रंजिश का बदला लेने के लिए ही किया हो। यदि ऐसा था तो आपकी बहन पूरी तरह साज़िश की शिकार हुई है। आपकी बहन आपके घर आ गयी है उसे प्रेम से अपने साथ रखें। उसकी कोई गलती नहीं है। उसने प्रेम किया और उसे निबाहा भी। वह साज़िश की शिकार हुई तो वह पीड़िता है और उसे आपकी मदद की जरूरत है।
बहन के साथ मारपीट का आपने कोई विवरण नहीं दिया है। लेकिन यह स्त्री के प्रति पति तथा पति के रिश्तेदारों की क्रूरता का मामला है जो धारा 498-ए आईपीसी के अन्तर्गत दण्डनीय है। यदि विवाह के समय आपकी बहन को कुछ उपहार रिश्तेदारों और ससुराल वालों से मिले हों और वे उसके ससुराल में रह गए हों तो उन्हें दिए बिना मारपीट कर घर से निकाल देना धारा 406 आईपीसी में अपराध है। इसके साथ बदला लेने के लिए बहका कर विवाह करने का मामला भी शामिल है। यदि ये तीनों हैं तो इन तीनों बातों का आप परिवाद में उल्लेख कर सकते हैं।
आजकल कोविड-19 महामारी के कारण पुलिस बहुत व्यस्त है और फोन पर हुई शिकायत पर तुरन्त आप तक पहुँचना आजकल उसकी प्राथमिकता में नहीं है। उत्तर प्रदेश में स्त्रियों के विरुद्ध हुए अपराधों के लिए ई-मेल के माध्यम से रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है। बेहतर यह है कि आप अपनी बहन की तरफ से एक परिवाद डी.आई.जी. (शिकायत) उत्तर प्रदेश पुलिस नाम लिखें और उसे निम्न ई-पतों पर मेल कर दें-
- uppmsp-up.nic.in
- uppmsp-up@gov.in तथा
- digcomplaint-up@nic.in
इस शिकायत की एक प्रति तथा ई-मेल का प्रिंट आउट निकाल कर अपने पास रखें। यदि एक सप्ताह में इस मामले में कार्यवाही न हो तो आप सीधे अपने इलाके के थाने पर क्षेत्राधिकार रखने वाले न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में परिवाद पेश करके यह निवेदन करें कि इस परिवाद को धारा-156(3) में पुलिस को जाँच और कार्यवाही के लिए भेज दिया जाए।
मामला आगे चलने पर आपकी बहन घरेलू हिंसा अधिनियम में भी आवेदन दे सकती है और धारा-125 भारतीय दंड संहिता में भी भरण पोषण के लिए आवेदन कर सकती है।