ज्योति ने सेहर, दिल्ली से समस्या भेजी है कि
मेरे पति ने मुझ पर बिना मुझे बताए तलाक़ का केस डाल दिया है। मैं अपने घर आई थी। मेरी शादी को अभी 6 माह हुए हैं। वे मुझे शादी के दूसरे दिन से तलाक़ की धमकी देता था। उस ने मुझ से लव मेरिज की है, वह मेरे साथ मार पीट करता था। गाली गलौच करता था। मैं ने फिर भी सब सहा। मगर उस ने मेरे साथ धोखा किया। मैं घर आई और उसने मुझ पर तलाक़ का केस डाल दिया। ये कहा कि मैं उस की फैमिली को और उसे अपने घर वालों को बुला कर धमकी दिलाती हूँ। मैं उस के परिवार को धमकी देती हूँ कि मैं मर जाऊंगी। उस ने अपने वकील से पूरी प्लानिंग कर के ये सब किया। मेरी मदद करें।
समाधान-
क्या आप को आप के पति द्वारा किए गए मुकदमे का समन या नोटिस मिला है? निश्चित रूप से नहीं मिला होगा। क्यों कि अभी आप की शादी को केवल छह माह हुए हैं तथा विवाह का एक वर्ष व्यतीत हुए बिना विवाह विच्छेद का मुकदमा हिन्दू विवाह अधिनियम के अन्तर्गत सामान्य रुप से न्यायालय स्वीकार नहीं करता।
आप को आप के पति ने बताया है कि उस ने आप के विरुद्ध तलाक का मुकदमा किया है, और आप ने उस झूठे व्यक्ति की बात पर विश्वास कर लिया। वैसे जैसा आप ने बताया है वह व्यक्ति आप का पति होने के लायक नहीं है। वह केवल आप का इस्तेमाल कर रहा है जो कि आप का दैहिक व मानसिक शोषण है। आप के साथ पति ने अपराध किया है, अपराधिक मुकदमा दर्ज कराएँ।
उस ने आप के साथ मारपीट की है। आप के साथ निरन्तर गाली गलौच की है, धोखा दिया है। आप को उस के विरुद्ध तुरन्त धारा 498-ए व आईपीसी की अन्य धाराओं के अन्तर्गत पुलिस में मुकदमा दर्ज कराना चाहिए। पुलिस मुकदमा दर्ज न करे तो आप को चाहिए कि आप न्यायालय में परिवाद दाखिल करें। इस के साथ ही धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता व घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 में आवेदन प्रस्तुत कर भरण पोषण की राशि निर्धारित करने हेतु व आप के साथ हिंसा न करने तथा अलग आवास दिलाए जाने हेतु प्रस्तुत करें।
मेरी राय में ऐसे व्यक्ति के साथ आप निबाह कभी नहीं कर पाएंगी। उस ने आप के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया है जिस के कारण आप उस से विवाह विच्छेद प्राप्त करने की अधिकारी हैं। विवाह का एक वर्ष पूर्ण होने के बाद आप इस आधार पर उस के विरुद्ध विवाह विच्छेद के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकती हैं।