तीसरा खंबा

आप को अब विवाह विच्छेद के बारे में सोचना चाहिए।

rp_judicial-sep4.jpgसमस्या-

नंद किशोर ने बरेली, उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मेरी वाइफ ने 498ए ओर 125(6) का केस किया हुआ है जिस में 125 का केस खारिज हो चुका है। इस के चार माह बाद 125(6) का केस मेरे विरुद्ध किया है। 125 के केस में मेरी वाइफ ने अपनी तरफ से कोई भी साक्ष्य नहीं दिया और हर तारीख पर टालमटौल की और गैर हाजिर होने से मुकदमा खारिज हो गया। 498ए में सभी की जमानत हो चुकी है। अभी पत्नी की तरफ़ से पत्नी और उसके पिता की गवाही हुई है। उसकी माता की रह गई है। इन दोनों की गवाही लगभग 1 साल में हुई है। इसके अलावा और कोई गवाह नहीं है। मेरी वाइफ मुझे छोड़ कर चली गई, उस समय मेरा एक्सीडेण्ड हो गया था, जिस में मेरा एक पैर टूट गया और उस में राड डाली गई है। मायके गई हुए 6 साल हो चुके हैं और केस किए हुए लगभग 2 साल हो चुके हैं। ये बताएं कि हम उस पर कोई केस फाइल कर सकते है क्या? और 125(6) के केस में वो क्या मेंटीनेंस देना पड़ेगा? मैं बेरोज़गार हूँ दाएँ पैर में रॉड पड़ी हुई है जिस से मूज़े भारी काम करने में परेशानी होती है।

समाधान

धारा 498ए आईपीसी के मुकदमे में सभी की जमानत हो चुकी है और दो गवाहों के बयान भी हो चुके हैं। कुछ बयान और होने हैं, इस में समय तो लगेगा। हमारे देश में जरूरत की एक चौथाई से भी कम अदालतें हैं। इस कारण सभी मुकदमों में बहुत समय लगता है। जिस के कारण हमारी न्याय व्यवस्था सभी के लिए एक पीड़ादायक अनुभव बन चुकी है। इस का कोई उपाय नहीं है। मुकदमा चलने दें। पैरवी में कोई कसर न रखें।

125(6) दं.प्र.सं. के केस के बारे में हमें आप के विवरण से कुछ समझ नहीं आया है। यह उपधारा (6) केवल उत्तरप्रदेश का प्रादेशिक संशोधन है और केवल उत्तर प्रदेश में प्रभावी है। इस में प्रावधान है यदि धारा 125 में कोई कार्यवाही चल रही हो तो अन्तरिम आदेश पारित किया जा सकता है जिस में 5000 रुपए तक का भरण पोषण और अदालती खर्च दिलाया जा सकता है। लेकिन यह आवेदन तभी चल सकता है जब कि धारा 125 का आवेदन न्यायालय में लंबित हो। आप के मामले में जब धारा 125 का आवेदन निरस्त हो चुका है तो धारा 125(6) का आवेदन कैसे चल रहा है? आप को अपने वकील से यह सब जानने की कोशिश करनी चाहिए।

मुझे लगता है कि आप की अपंगता और बेरोजगारी को आप साबित कर चुके हैं, इसी कारण धारा 125 दं.प्र.संहिता का प्रकरण निरस्त हुआ है तो हमारी राय में ऐसी परिस्थिति में धारा 125(6) के मामले में भी कुछ नहीं हो सकता।

प की पत्नी आप को छोड़ कर जा चुकी है जिसे छह वर्ष हो चुके हैं, यह आप के विवाह विच्छेद का एक आधार हो सकता है। इस के अतिरिक्त क्रूरता आदि के आधार भी आप के मामले में हो सकते हैं। मुझे लगता है कि आप को अब विवाह विच्छेद के बारे में सोचना चाहिए और अपने वकील से राय करनी चाहिए। यदि आप के पास पर्याप्त आधार हो तो विवाह विच्छेद का आवेदन प्रस्तुत कर देना चाहिए।

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