तीसरा खंबा

आवाज की रिकार्डिंग की साक्ष्य कैसे हो?

Service of summonsसमस्या-

रामेश्वर ने नदबई, भरतपुर, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

 मेरी समस्या यह है की मेरी शादी २४-०६-११ को हुई थी व लगभग १, १/२ वर्ष बाद झगडे के कारण मैं ने तलाक का केस दर्ज करा दिया। झगडे का कारण मेरी पत्नी और उसके जीजा के अबैध सम्बन्ध हैं। जिस का पता मुझे मोबाइल की रिकॉर्डिंग से पता लगा। मैं ने रिकॉर्डिंग की सीडी कोर्ट मे पेश कर दी है। मैं यह मार्गदर्शन चाहता हूँ कि आवाज की जाँच कराने हेतु किस धारा के तहत निवेदन किया जाये। यदि निवेदन को अस्वीकार कर दिया जाये तो आगे की क्या प्रक्रिया अपनाई जाये व किस धारा के तहत जिस से सच्चाई सामने आये विस्तृत जानकारी देने का कष्ट करें।

समाधान-

प ने फोन रिकार्डिंग न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दी है। फोन रिकार्डिंग इलेक्ट्रोनिक रिकार्ड है इस कारण इस मामले में धारा 79-ए इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट-2000 के अन्तर्गत परिभाषित एक्जामिनर की राय महत्वपूर्ण है। धारा 45-ए साक्ष्य अधिनियम के अन्तर्गत ऐसे एक्जामिनर को एक्सपर्ट माना गया है तथा धारा 45 साक्ष्य अधिनियम के अन्तर्गत इस एक्सपर्ट की राय को सुसंगत तथ्य माना गया है।

प को चाहिए कि न्यायालय से इस आवाज की जाँच कराने की अनुमति ले कर ऐसा एक्जामिनर नियुक्त कराएँ और उस की रिपोर्ट प्राप्त हो जाने के बाद उसे न्यायालय में प्रस्तुत करें तथा उस एक्जामिनर का बयान कोर्ट में कराएँ। तभी यह साक्ष्य काम में ली जा सकती है और आप उस का लाभ उठा सकते हैं।

प एक्जामिनर नियुक्त करने का आवेदन धारा 45, 45-ए साक्ष्य अधिनियम तथा धारा 79-ए इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के अन्तर्गत प्रस्तुत किया जा सकता है। यदि यह आवेदन अस्वीकार किया जाता है तो आप को इस आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय के समक्ष धारा 115 दीवानी प्रक्रिया संहिता में पुनरीक्षण याचिका ही प्रस्तुत करनी होगी।

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