तीसरा खंबा

इलेक्ट्रोनिक रिकार्ड को न्यायालय में कैसे प्रमाणित किया जाए?

electronic recordsसमस्या-

अनिल नागपुरी ने वारासिवनी, बालाघाट, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मेरे विरुद्ध धारा ६७, ६७अ आई.टी.एक्ट के तहत मुकदमा न्यायालय में चल रहा है. पूरा मुकदमा फरियादी के फेसबुक प्रोफाइल के कंप्यूटर पर स्क्रीन शॉट लेकर उसके प्रिंट आउट पर चल रहा है। उक्त प्रिंट आउट को किसी भी व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित व प्रमाणित नहीं किया गया है। कोई इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी नहीं है। किन्तु माननीय न्यायालय द्वारा फेसबुक प्रोफाइल के उक्त अप्रमाणित व अहस्ताक्षरित प्रिंट आउट को न्यायालय में फरियादी से प्रदर्श अंकित करा लिया गया है। तो आपसे मेरा सवाल यह है कि क्या फेसबुक प्रोफाइल के उक्त अप्रमाणित व अहस्ताक्षरित प्रिंट आउट को साक्ष्य अधिनियम के तहत प्रदर्श अंकित कराया जा सकता है? कृपया इस संबंद्ध में केस लॉ भी बतावें।

समाधान-

फेसबुक प्रोफाइल में जो कुछ भी है वह एक इलेक्ट्रोनिक रिकार्ड है उस के लिए उसे इलेक्ट्रोनिक फोर्म में ही उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। मसलन उस स्क्रीन शाट को सीडी में रिकार्ड कर के सीडी न्यायालय में प्रस्तुत की जानी चाहिए साथ में उस की प्रिंट भी प्रस्तुत की जा सकती है। ऐसी स्थिति में ही प्रिंट को प्रदर्शित कराया जा सकता है। यदि आपके मामले में इलेक्ट्रोनिक रिकार्ड प्रस्तुत नहीं किया गया है तो प्रिंट की साक्ष्य में महत्ता नहीं है। आप को चाहिए था कि जब प्रिंट को प्रदर्शित कराया जा रहा था तब आपत्ति की जाती। बाद में भी इस आपत्ति को न्यायालय को एक आवेदन के रूप में लिख कर दिया जा सकता है। वैसे आपको घबराने की जरूरत नहीं है किसी दस्तावेज के प्रदर्शित हो जाने मात्र से वह प्रमाणित नहीं हो जाता है।

लेक्ट्रोनिक रिकार्ड को एक दस्तावेज के रूप में कैसे साबित किया जा सकता है यह उच्चतम न्यायालय ने अनवर पी.वी. बनाम पी.के. बशीर एवं अन्य के मामले पारित निर्णय दिनांक 18 सितम्बर 2014 में निर्धारित किया है। आप इस के शीर्षक पर क्लिक कर के इस निर्णय को पढ़ सकते हैं।

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