तीसरा खंबा

ईडब्लूएसएस में स्त्री की पारिवारिक आय में उसके माता-पिता की आय ही जोड़ी जाएगी सास-ससुर की नहीं।

समस्या –

देवेंद्र सिंह ने वार्ड 42, श्रीगंगानगर, राजस्थान से पूछा है-

आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को दिए गए आरक्षण में विवाहित महिला वर्ग कानूनी फेर में उलझी है। आय सर्टिफिकेट में 8 लाख फैमिली इनकम मांगी गई है, समस्या ये है कि फैमिली किसको माना जाए, पति की आय के साथ पिता की आय भी जोड़ी जा रही है, जिससे पति तो पात्र है लेकिन पत्नी नहीं।

समाधान-

आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को दिए गए आरक्षण योजना (ईडब्लूएस स्कींम) में परिवार की परिभाषा निम्न प्रकार है –

The term “Family” for this purpose willinclude the person who seeks benefit of reservation, his/her parents and siblings below the age of 18 years as alsohis/her spouse and children below the age of 18 years.

इस तरह इस योजना में माता-पिता, 18 वर्ष से कम उम्र के भाई-बहिन, तथा पति/पत्नी की सम्मिलित आय को परिवार की आय माना गया है।

अब आप मान लें कि एक विवाहित पुरुष को इसके योग्य माने जाने के लिए उसके माता-पिता की आय जोड़ी जाएगी। समानता के नियम के अनुसार एक स्त्री को इस योजना के योग्य माने जाने के लिए उसके माता-पिता की आय जोड़ी जानी चाहिए।

सामान्य रूप से एक विवाहित स्त्री को पति के परिवार की सदस्य माना जाता है। लेकिन इस कानून में ऐसा नहीं है। उसके माता-पिता की आय को ही जोड़ा गया है उसके सास-ससुर की नहीं। समानता के नियम के अनुसार यह उचित भी है।

इस नियम को यूँ भी देखा जा सकता है कि एक स्त्री को उसके माता-पिता का उत्तराधिकार प्राप्त होता है उसके सास-ससुर का नहीं।

अब यदि पति के माता-पिता की मृत्यु हो गयी है या उनकी कोई आय नहीं है तो हो सकता है उसकी पारिवारिक आय पत्नी की आय से भिन्न हो सकती है। क्योंकि उसके माता-पिता जीवित हैं।

 

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