तीसरा खंबा

एक क्षति के लिए दो बार क्षतिपूर्ति प्राप्त करना अनुचित ही नहीं अपराध भी है।

Moneyसमस्या-

हरिओम सोनी ने कोटा, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

मेरी वन विभाग में अनुकम्पा पर सरकारी नौकरी एल.डी.सी. के पद पर व जून २००४ में लगी। २००७ में मेरी दुर्घटना हुई। मेरा निजी चिकित्सालय में २६ दिवस तक ईलाज चला। २६ दिन के मेरे लगभग रुपये २०००००/- लगे। मैंने मोटर मालिक व ईन्श्योरेंस कम्पनी पर न्यायालय में केस किया। न्यायालय से मुझे रपये २५००००/- मिले। रुपये २०००००/- के बिल न्यायालय में लगे हैं। मुझे मेरे विभाग/ राज्य बीमा विभाग से रुपये २०००००/- के मेडिकल बिल की राशि मिल सकती है कया? यदि हाँ तो किस तरह?

समाधान-

प का इलाज में 2 लाख रुपया खर्च हुआ। आप का इस खर्चे में आप को हुई अक्षमता और मानसिक व शारीरिक संताप को मिला कर 2.5 लाख रुपया मोटर यान दुर्घटना दावा अधिकरण ने आप को दिला दिया। जब अधिकरण से निर्णय हुआ तो उस ने आप को खर्चे के बिलों की राशि इसी कारण दिलाई कि आप ने सरकार, राज्य बीमा या अन्य किसी बीमा से यह राशि प्राप्त नहीं की। यदि आप ने प्राप्त कर ली होती तो न्यायालय आप को यह राशि नहीं दिला सकता था।

क ही हानि को आप दो लोगों से या एक से अधिक बार वसूल नहीं कर सकते। यदि किसी भी तरीके से आप ऐसा करते हैं तो यह एक प्रकार का छल वह धोखाधड़ी होगी जो कि अपराध होगा। इस अपराध की सजा भी आप को मिल सकती है और साथ में नौकरी भी जा सकती है। यह लालच छोड़ें और एक बार जो क्षति आप को प्राप्त हो चुकी है उस के लिए दूसरा प्रयास न करें।

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