सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 25.07.2023 को भारतीय कामगार कर्मचारी महासंघ बनाम एमएस जेट एयरवेज़ लि. के प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए यह निर्धारित किया है कि प्रमाणित स्थायी आदेशों के अंतर्गत कोई अधिकार श्रमिकों को प्राप्त है तो नियुक्ति पत्र या किसी आपसी समझौते की शर्तों से उस अधिकार को समाप्त नहीं किया जा सकता।
इस तरह नियोक्ता और कामगार प्रमाणित स्थायी आदेशों / मॉडल स्थायी आदेशों में सन्निहित वैधानिक अनुबंध को दरकिनार करते हुए कोई अनुबंध नहीं कर सकते। यदि करते हैं तो वह उस हद तक अवैधानिक होगा।
कर्मचारी संघ नियोक्ता के साथ जो भी समझौता करता है, वह मॉडल स्थायी आदेश को ओवरराइड नहीं करेगा, जब तक कि यह कर्मचारियों के लिए स्थायी आदेशों से अधिक फायदेमंद न हो।