समस्या-
जबलपुर, मध्यप्रदेश से रिकी ने पूछा है –
मेरा एक किराएदार नौ माह से मकान पर ताला लगा कर कहीं चला गया है और वह फोन भी नहीं उठा रहा है। मकान का किराया 4000 रुपए प्रतिमाह है। वह मेरे बैंक खाते में कभी 1500 रुपए तो कभी 2000 रुपए डाल देता है। मुझे मकान खाली करवाना है, मुझे क्या करना चाहिए?
समाधान-
किसी भी नगरीय क्षेत्र में किसी किराएदार से मकान केवल किराया नियंत्रण कानून में उपलब्ध आधारों पर ही खाली कराया जा सकता है। उस के लिए भी आप को न्यायालय में वाद प्रस्तुत करना होगा। यह वाद उचित आधारों पर आधारित हो तथा आप साक्ष्य के द्वारा उन आधारों को साबित कर दें तो मकान खाली करने की डिक्री आप के पक्ष में पारित की जा सकती है। तब आप डिक्री का निष्पादन करवा कर मकान खाली करवा सकते हैं।
आप का किराएदार पिछले नौ माह से मकान को बंद कर के गायब है। इस तरह उस ने छह माह से अधिक समय से मकान का उपयोग नहीं किया है। यह मकान को खाली कराने का आधार हो सकता है। वह नियमित किराया नहीं दे रहा है। यदि छह माह से अधिक का किराया उस ने अदा नहीं किया है तो उस ने किराया अदा करने में चूक भी की है यह दूसरा आधार हो सकता है।
आप किरायेदार के विरुद्ध मकान खाली कराने का वाद प्रस्तुत कर दें। लेकिन उसे समन तामील कराने में परेशानी आएगी। यदि उस का वर्तमान पता हो तो आप वहाँ उसे समन तामील करवा सकते हैं। अन्यथा उस का पता न लग पाने की स्थिति में प्रतिस्थापित तामील समाचार पत्र में प्रकाशन के माध्यम से करवा सकते हैं। तामील के बाद भी वह उपस्थित न हो तो एक तरफा कार्यवाही कर के वाद को डिक्री करवा सकते हैं तथा डिक्री की अनुपालना में मकान खाली करवा कर उस का कब्जा प्राप्त कर सकते हैं।
यह सब करने के लिए आप को किसी स्थानीय वकील की सहायता लेनी होगी। जो वकील किराएदारी के मुकदमे लड़ता हो उस से आप को संपर्क करना चाहिए। यदि आप किसी वकील से परिचित न हों तो जबलपुर में आप श्री राजेन्द्र जैन एडवोकेट, बी-2, समदरिया रेजीडेन्सी, पेट्रोल पम्प के पास, ब्योहार बाग, जबलपुर से संपर्क कर सकते हैं।