तीसरा खंबा

किराएदार को परिसर खरीदने का कोई अधिकार उत्पन्न नहीं होता।

समस्या-

राधेश्याम सिंह ने सीरमपुर, पश्चिम बंगाल से समस्या भेजी है कि-

मेरे पिताजी करीब 50 साल से किराएदार हैं, घर के मालिक का निधन के बाद किराया नियंत्रण न्यायालय में जमा कराते हैं। अब हम लोगों का प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नम्बर आया है। हम ये घर खरीदना चाहते हैं लेकिन दिवंगत मकान मालिक के छह बेटों में से कोई राजी नहीं हो रहा है। कृपया बताएँ कि क्या कानूनी तरीके से हम इस घर को खऱीद सकते हैं कि नहीं?

समाधान-

संपत्ति का अधिकार एक मूल अधिकार है। इसे बाधित किया जाना संभव नहीं है। यदि कोई मकान मालिक अपना मकान बेचना नहीं चाहता है तो उसे बाध्य नहीं किया जा सकता है।  मैं यहाँ अनेक बार लिख चुका हूँ कि किराएदार हमेशा किराएदार ही रहेगा चाहे वह पूरे सौ साल तक किराये पर उस संपत्ति में रह ले। उसे किराए वाले मकान का मालिक बनने का कोई अधिकार नहीं है। एक लंबे समय तक किसी परिसर में किराए से रह लेने से कोई अधिकार उत्पन्न नहीं होता है।

इस तरह जब तक स्वयं मकान मालिक ही अपना मकान बेचने को तैयार न हो तो किराएदार को यह अधिकार भी नहीं कि वे किसी भी प्रकार से मकान मालिक पर घर बेचने के लिए कोई दबाव  बना सकें। इस तरह का कोई कानून नहीं है। हमारी राय है कि आप को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत घर खरीदने की सुविधा मिल रही  है तो उस का उपयोग कर कैसा भी घऱ जो कहीं भी हो खऱीद लें और इस मकान में जिस में आप लोग रह रहे हैं उस के मोह में न पड़ें।

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