यश वर्धन ने लखनऊ, उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मैं सरकारी नौकरी में हूँ, मेरी बीबी भी सरकारी नौकरी में है। वो अपने मायके में स्कूल टीचर है। मैं 200 किलोमीटर दूर नौकरी करता हूँ। मेरी बीबी का स्वाभाव झगड़ालू है। वो मुझे अपनी हनक दिखाती है। मैं अपने बच्चे और अपनी बीबी के साथ रहना चाहता हूँ। मैं अपनी बीबी को नौकरी कराना नहीं चाहता हूँ। मुझे पैसे नहीं चाहिये। क्यों कि मैं खुद अच्छी सैलरी पा रहा हूँ। मेरी बीबी अपने पैसों का क्या करती है? ये मुझे नहीं पता है और न ही मुझे पता करना है। मै अकेला रहता हूँ और होटल पर खाना खाता हूँ। मैं जब उस से कहता हूँ कि नौकरी रिजाइन कर दो। तो वो और उसके घर वाले मुझे झूठे केस में फ़ँसाने की धमकी देते हैं। वो मायके में ही रहती है। मैं दांपत्य सुखों से और अपने बच्चे से वंचित हूँ । मुझे कुछ नही समझती है वो न ही वो इज्जत सम्मान देती है जो पत्नी पति को देती है। मैंने हाथ पैर जोड़ कर भी देख लिया, लेकिन नतीजा जीरो है। मुझे उसकी नौकरी बर्दाश्त नहीं है।
समाधान-
किसी किसी वैवाहिक समस्या का कोई हल नहीं होता केवल विवाह विच्छेद ही उसे हल कर सकता है। आप की समस्या भी ऐसी ही है। आप पत्नी से नौकरी कराना नहीं चाहते, वह नौकरी छोड़ना नहीं चाहती। वह नौकरी छोड़ कर आत्मनिर्भरता क्यों त्यागे? आप कहते हैं कि आप को अपनी पत्नी से वैसा सम्मान नहीं मिलता जैसा पतियों को मिलना चाहिए। यह बात समझ नहीं आती कि आप कैसा सम्मान चाहते हैं? ज्यादातर पत्नियाँ जो सम्मान पतियों को देती हैं उस के पीछे उन की पति पर पूर्ण निर्भरता होती है। वह तो आप को मिलने से रही। आप को पत्नी की नौकरी बर्दाश्त नहीं है क्यों कि उस से वह आत्मनिर्भर हो गई है। आप पर निर्भर नहीं है। लेकिन एक आत्मनिर्भर हो चुकी महिला उसे क्याग कर आप पर निर्भर क्यों हो जाए? आप दाम्पत्य सुख से वंचित हैं तो आप की पत्नी भी उस से वंचित है। या फिर आप सोचते हैं कि पत्नी को दाम्पत्य सुख की कोई जरूरत नहीं होती है। यदि पत्नी मायके में रहती है तो उस में क्या गलत है? उस की नौकरी वहाँ है। यदि आप की नौकरी के स्थान पर आप के माता-पिता रहते हों, आप का घर हो और आप उन के साथ रहते हों तो उस में कुछ गलत नहीं है तो फिर पत्नी का अपने मायके में रहना गलत कैसे हो सकता है?
आप की समस्या वास्तव में आपस में तालमेल न बिठा पाने की है। आप स्वयं अपने माता पिता के साथ नहीं रहते। कम से कम आप की पत्नी तो उस के माता पिता के साथ रहती है। आप चाहें तो हर सप्ताह अपनी पत्नी के पास जा कर रह सकते हैं। हमें लगता है कि एक आत्मनिर्भर पत्नी से आप वैसा व्यवहार चाहते हैं जैसा व्यवहार एक पति पर पूर्ण निर्भर पत्नी का पति के साथ होता है, जो संभव नहीं है। इसी अन्तर्विरोध ने आप की समस्याएँ पैदा की हैं। आप की इस अपेक्षा और व्यवहार ने ही आप की समस्याओं को जन्म दिया है। यदि आप खुद बदलने को तैयार हों तो पत्नी के व्यवहार को भी मित्रता के स्तर पर लाने का प्रयत्न काउंसलिंग के माध्यम से हो सकता है। पर बशर्ते आप उस के लिए तैयार हो। हालांकि अब तक जो गाँठें बन्ध गई हैं उन्हें खोलना इतना आसान न होगा। जिस तरह की परिस्थितियाँ आप बता रहे हैं हमें नहीं लगता कि आप की समस्या का कोई अन्य हल हो सकता है। यदि हो सकता है तो यही कि किसी तरह आप दोनों का विवाह विच्छेद हो जाए। और दोनों एक नया जीवन आरंभ करें।
आप को चाहिए कि आप सीधे सीधे पत्नी से बात करें कि किस तरह दोनों अलग हो सकते हैं। यदि ऐसा आपसी सहमति से संभव हो तो वैसा करें। अन्यथा किसी कानूनी आधार पर यदि वह आप को उपलब्ध हो तो स्वयं विवाह विच्छेद का आवेदन प्रस्तुत करें।