राजकुमार जी ने पूछा है – – –
मेरा शटरिंग का काम है और एक हरिजन जाति का ठेकेदार मेरे काम के पैसे नहीं दे रहा है। मांगने पर मना करता है और जबरदस्ती या दबाव डालने पर पुलिस की धमकी देता है। बताएँ, क्या करूँ?
उत्तर – – –
राजकुमार जी,
जब भी कोई ठेकेदार या कोई और आप को काम बताता है तो आप बहुत प्रसन्न होते हैं कि आप को काम मिला, और आप काम में जुट जाते हैं। समस्या तब आती है जब आप काम का पैसा मांगते हैं और वहाँ टालमटोल होती है या फिर पैसा मिलता ही नहीं है। आप की समस्या यह है कि आप के और काम कराने वाले के बीच कोई लिखित संविदा मौजूद नहीं होती है। आप को हमेशा यह करना चाहिए कि आप एक रेट-कार्ड बना लें जिस में शटरिंग की दरें छपवा कर अंकित कर दें जैसे कितने फुट ऊँचाई पर शटरिंग की दर क्या होगी, या दूसरी व तीसरी मंजिल के लिए क्या दरें होंगी आदि-आदि। उसी फार्म में नीचे काम की विगत लिखने के लिए भी स्थान हो, अर्थात कहाँ, किस साइट पर आप को काम करना है। आप से काम कौन करवा रहा है आदि आदि। इस तरह यह फार्म आप की और से एक प्रस्ताव का रूप ले लेगा जिस में ये तथ्य होंगे कि आप उस के द्वारा प्रस्तावित काम किन दरों पर करने को तैयार हैं। जब भी आप के काम करने की बात पक्की हो जाए तो आप इस फार्म को शर्तों के मुताबिक भर कर उस पर काम का आदेश देने वाले के हस्ताक्षर करवा लें। हस्ताक्षर होने पर यह फार्म एक संविदा का रूप ले लेगा।
अभी आप की परेशानी यह है कि न तो आप के पास कोई ऐसा दस्तावेज है जिस से यह साबित हो कि आप के व ठेकेदार के बीच क्या दरें तय हुई थीं, और न ही ऐसा जिस से यह साबित किया जा सके कि आप को कितना पैसा ठेकेदार से वसूल करना है। ठेकेदार आप की इसी कमजोरी का लाभ उठा रहा है। आप ने खुद ही लिखा है कि वह “जबरदस्ती या दबाव डालने पर पुलिस की धमकी देता है”, तो किसी से पैसा वसूल करने के लिए जबरदस्ती करना या दबाव डालना उचित नहीं है। अपितु यह एक अपराध भी हो सकता है। आप यदि कोई जबर्दस्ती करेंगे तो वह पुलिस में ही तो जाएगा।
फिर भी आप एक काम करें, आप उसे अपने काम का बिल रजिस्टर्ड
डाक के माध्यम से भिजवा दें। दो सप्ताह में आप का हिसाब न करने पर आप उसे किसी वकील से कानूनी नोटिस दिलवा दें। फिर भी यदि वह पैसा देने से इन्कार करे तो वसूली के लिए दीवानी अदालत में एक दावा पेश कर दें।
डाक के माध्यम से भिजवा दें। दो सप्ताह में आप का हिसाब न करने पर आप उसे किसी वकील से कानूनी नोटिस दिलवा दें। फिर भी यदि वह पैसा देने से इन्कार करे तो वसूली के लिए दीवानी अदालत में एक दावा पेश कर दें।