तीसरा खंबा

क्षतिपूर्ति के लिए उपभोक्ता आयोग में शिकायत प्रस्तुत करें।

समस्या-

प्रतीक ने हरिद्वार उत्तराखण्ड से पूछा है-

दिनांक 6 जून 2020 को संस्थागत क्वरन्टीन (होटल) के दौरान होटल रूम में शॉर्ट सर्किट से आग लग जाने से मेरे लैपटॉप, मोबाइल, शैक्षणिक योग्यता दस्तावेज व कपड़े आदि आग में जल जाने से क्षतिग्रस्त हो गए। होटल मालिक से जब मैंने घटना की सूचना पुलिस से किए जाने को कहा तो उसने कहा कि मैं आपको क्षतिपूर्ति प्रदान कर दूंगा। लेकिन बाद में वह  देने से इनकार करने लगा। इसके उपरान्त  मैंने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस जाँच में होटल मालिक ने बताया कि आग की दुर्घटना लैपटॉप चार्जर से शॉर्ट सर्किट होने के कारण हुई। पुलिस को मैंने बताया कि लैपटॉप चार्जर अभी भी कार्यशील अवस्था में है और यदि पुलिस इसकी जांच करानी चाहे तो करा सकती है। पुलिस ने कहा कि होटल प्रतिनिधि आपकी बात से सहमत नहीं है और क्षतिपूर्ति देने से इनकार करता है। पुलिस अब FIR लिखने से मना कर रही है क्योंकि पुलिस अधिकारी का कहना है कि शार्ट सर्किट के कारण दुर्घटना होने से  होटल प्रतिनिधि /मालिक की कोई गलती नहीं है। इसलिए उसके विरुद्ध कोई आपराधिक मामला नहीं बनता। साथ ही पुलिस का यह भी कहना है कि  होटल  मालिक को  होटल लाइसेंस लेना अनिवार्य है, बीमा लेना अनिवार्य नहीं है। इसलिए किसी भी धारा में उसके विरूद्ध मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता है।  आप सिविल कोर्ट में होटल प्रतिनिधि के विरुद्ध वाद दायर कर सकते हैं। होटल प्रतिनिधि/ मालिक ने घटना की सूचना पुलिस को नहीं प्रदान की और बीमा कंपनी द्वारा होटल का बीमा भी नहीं कराया है। क्या पुलिस किन्हीं भी धाराओं में होटल मालिक के विरुद्ध सीधे मुकदमा दर्ज नहीं कर सकती हैं? अपने नुकसान की क्षतिपूर्ति हेतु मुझे क्या करना चाहिए? कृपया मार्गदर्शन करें।

समाधान-

आपने घटना की सूचना पुलिस को दी। उन्हें रोजनामचा में इस सूचना को दर्ज करना चाहिए था। होटल मालिक का कोई अपराध है या नहीं यह आग लगने की जाँच के बिना तय करना संभव नहीं था। इसकी जाँच केवल फायर ऑफीसर कर सकते हैं। पुलिस को प्रारंभिक जाँच करनी चाहिए थी और फायर ऑफीसर की रिपोर्ट लेनी चाहिए थी। यह होटल प्रबन्धन की लापरवाही का मामला हो सकता है। अब तो शॉर्ट सर्किट के तमाम सबूत भी मिट चुके होंगे। बेहतर है आप अपनी रिपोर्ट इन्टरनेट के माध्यम से ई.मेल से तथा रजिस्टर्ड ए.डी. के माध्यम से एसपी को भेज दें। दोनों की प्रतियाँ सुरक्षित रखें। 

होटल एक व्यवसायिक उपक्रम है। उसका किराया दिया गया है। आप यात्री/ रेजीडेंट के रूप में उसके बेनीफीशियरी हैं। यात्री/ रेजीडेंट की जान-माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी उसकी है। आपको जो नुकसान हुआ है उसकी मेंटीनेंस की लापरवाही से हुआ है। इस तरह उसने अपने उपभोक्ता   की सेवा में कमी की है। आप अपना नुकसान वसूल करने के लिए जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद प्रस्तुत कर सकते हैं। उपभोक्ता आयोग में कार्यवाही संस्थित करने के पूर्व होटल मालिक को आपकी क्षतिपूर्ति मांग के सम्बन्ध में एक नोटिस देना चाहिए। अवधि समाप्त हो जाने पर परिवाद प्रस्तुत करना चाहिए। परिवाद प्रस्तुत करने के लिए किसी स्थानीय वकील की मदद प्राप्त करें तो बेहतर होगा।

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