तीसरा खंबा

खोए चैक के आधार पर मुकदमा करने वाले के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा चलाएँ।

समस्या-

इटारसी, मध्यप्रदेश से रामप्रसाद पटेल ने पूछा है-

मेरा एक चैक जिस पर सेल्फ़ 2 बार लिखा था, एक सेल्फ़ को मेरे द्वारा काट कर दस्तखत किए थे, राशि नहीं लिखी थी, मेरे पुत्र को दिया था कि वह बैंक में जा कर अकाउंट देख कर राशि लिख कर पैसा निकाल लाए। मेरे पुत्र ने वह चैक गुमा दिया। नेटबैंकिंग के द्वारा उस चैक नंबर का स्टॉप पेमेंट किया था जिस की बैंक ने रु. 51 की कटौती मेरे खाते से की थी। इस चैक को व्यक्ति ने उस चैक पर रु.5,00,000 लिख कर अपने बैंक खाते में जमा किया। जो बैंक द्वारा वापिस कर दिया। बैंक की चैक रिटर्न पर्ची में 2 नोट लिखे थे (1)फंड इन्सफिशियंट (12) ऑल्टरेशन्स रिक्वाइयर ड्रॉयर्स ऑथेन्टीकेशन उस व्यक्ति द्वारा एक लीगल नोटिस मेरे स्थाई पाते पर भेजा था जो मुझे नहीं मिला क्योंकि मैं वहाँ नहीं रहता, परंतु वह लीगल नोटिस किसी अन्य व्यक्ति ने प्राप्त कर लिया। इस नोटिस के आधार पर मेरे खिलाफ परक्राम्य विलेख अधिनियम की धारा 138 का मुक़दमा कोर्ट में लगा दिया गया है। कोर्ट द्वारा मुझे जो नोटिस दिया गया वह मुझे मेरे वर्तमान पते पर मिला है।

समाधान-cheque dishonour1

प को कोर्ट का नोटिस मिल गया है। अब आप केवल नोटिस न मिलने के आधार पर अपना बचाव नहीं कर सकेंगे। कोर्ट कहेगी। आप को अब नोटिस मिला है तो अब 15 दिन में चैक की राशि दे दीजिए।

प के पास पर्याप्त सबूत हैं कि आप पुत्र से चैक खो गया। जिस के कारण आप ने स्टॉप पेमेंट कराया। यह सब आप को मजबूत साक्ष्य से साबित करना होगा। साथ ही यह भी साबित करना होगा कि परिवादी को 500000 रुपए चुकाने का आप पर कोई दायित्व नहीं था। यदि आप यह सब साबित कर सके तो आप इस मुकदमे में अपना बचाव कर सकेंगे।

दि आप ने जो कुछ अपनी समस्या में लिखा है वह सच है तो फिर जिस व्यक्ति ने चैक को बैंक में लगाया है उस व्यक्ति द्वारा आप के साथ छल किया जा रहा है। जो कि धारा 420 आईपीसी में दंडनीय अपराध है। आप अपने वकील को कहिए कि वह तथ्यों सहित इस बात की जाँच करे कि क्या उस व्यक्ति के विरुद्ध धारा 420 आईपीसी में प्रकरण दर्ज कराया जा सकता है क्या। यदि आप का वकील सलाह दे तो आप को उक्त धारा में उक्त व्यक्ति के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत कर अभियोजन चलाना चाहिए।

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