मोहन लाल ने दिल्ली से राजस्थान राज्य की समस्या भेजी है कि-
मेरा नाम मोहनलाल है। मेरी उम्र 32 है। मेरी समस्या ये है कि मैं अपना नाम बदलना चाहता हूँ। मैं मुस्लिम हूं लेकिन मेरा नाम हिन्दू है। वैसे हमारी कास्ट में मिले जुले नाम होतें हैं। इससे मुझे कोई दिक्कत भी नही है। जैसे मेरे पिता का नाम मुस्लिम है। मेरे बच्चों के नाम मुस्लिम हैं। मुझे मेरे नाम के आगे पिता का नाम और बच्चों के नाम के आगे मेरा नाम लिखवाते समय हीन भावना होती है। अभी मैंनें अपने बच्चे का स्कूल में एडमिशन करवाया तो मैडम ने मुझे हैरानी से देखा और कहा कि ऐसा कैसे आपका नाम हिन्दू और आपके पिता और बच्चे का नाम मुस्लिम! इसी तरह बहुत सी बार ऐसा होता है। तो मैं यही जानना चाहता हूं कि नाम बदलने की क्या प्रक्रिया है। कितना समय लगेगा और मेरे सभी रिकार्ड में जैसे बैंक खाता, बीमा पोलिसी, पैन कार्ड, मतदाता-पत्र,स्कूल में बच्चों के नाम इत्यादि में नया नाम कैसे दर्ज होगा। मेरे स्कूल के डोक्युमेंट कैसे काम करेंगे वैसे मेरा आधार कार्ड बना हुआ नही है। मैं राजस्थान के चुरू जिले के एक गांव का निवासी हूं और वहीं का मतदाता हूं। मैं काफी समय से इस बारे में सोच रहा हूं। उम्मीद है कि आप जरूर सुझाव देंगे
समाधान-
आप का इतना प्यारा नाम है। आप द्वारा इसे बदलना चाहने का कारण मात्र इतना है कि लोगों के प्रतिक्र्या में हैरानी जताने पर आप को हीन भावना होती है। इस का सीधा अर्थ यह है कि कोई बाहरी कारण नहीं है और कौई जरूरत भी नहीं है। यदि इस हीन भावना को ही आप त्याग दें तो सब कुछ ठीक हो जाएगा।
मेरे एक मित्र हैं। उन का नाम योगेन्द्र है। उन्हों ने अपनी बेटी का नाम एकता शबनम रखा। जब वे स्कूल में नाम लिखाने गए तो अध्यापिका ने कहा कि यह कैसा नाम है आगे से हिन्दू लगता है पीछे से मुस्लिम। तब योगेन्द्र ने उस अध्यापिका से कहा कि हमारी बेटी है जैसे हम ने नाम रखना चाहा रख दिया। आप तो यही लिखिए। बेटी बड़ी हो गई। उस की शादी भी हो गयी। कोई परेशानी नहीं है बल्कि वह गर्व से कहती है कि मैं भारत की गंगाजमुनी तहजीब की बेटी हूँ। हमारे एक मित्र हैं उन का नाम मोहित है, उन का परिवार मुस्लिम है। उन्हें कोई समस्या नहीं होती। बहुत से मुस्लिम अभिनेता और कलाकार हैं जिन्हों ने अपने नाम हिन्दुओं जैसे रख लिए हैं। न उन्हें कोई हीन भावना आती है न अन्य किसी को। आप के माता-पिता ने आप का नाम बहुत प्यार से रखा होगा। आप के नाम का अर्थ भी बहुत सुन्दर है। मोहन का अर्थ है मोहने वाला और लाल का अर्थ है बच्चा। पूरे नाम का अर्थ है ऐसा बालक जो सब को अपने मोहपाश में बांध लेता है। मेरी नजर में तो आप के जैसे गंगजमुनी तहजीब के नामों की परंपरा को सहेज के रखने और आगे बढाने की जरूरत है।
फिर भी आप नाम बदलना चाहें तो कोशिश कर सकते हैं। लेकिन नाम बदलना आप के लिए बहुत सारी मुसीबतें लाएगा। आप को पहले एक शपथ पत्र मजिस्ट्रेट से तस्दीक करवाना पड़ेगा। फिर उस की खबर अखबार में छपवानी पड़ेगी। सरकारी गजट में भी प्रकाशन कराना पड़ेगा। फिर गजट में प्रकाशन की प्रतिलिपि के साथ जिस जिस रिकार्ड में आप का नाम दर्ज है और आप बदलवाना चाहते हैं वहाँ वहाँ आवेदन करना पड़ेगा। हर जगह नाम बदलवाने की अलग अलग प्रक्रिया होगी और हर स्थान पर फीस भी देनी पड़ेगी। इस में बहुत सारा समय नष्ट होगा और पैसा भी बहुत खर्च होगा। उस से तो बेहतर है कि आप अपना नाम न बदलवाएँ। नाम से कोई हिन्दू या मुस्लिम नहीं होता। वह तो मन से मानने से होता है। ज्यादातर लोग ऊपर से ही हिन्दू और मुसलमान होते हैं वास्तव में तो वे किसी धर्म को मानते तक नहीं या फिर तकलीफ में हर जगह अपना सिर नवाते फिरते हैं।
अब तो भारत, पाकिस्तान और बंगलादेश व अन्य अनेक देशों में बहुत लोग है जो अपना नाम अपनी मर्जी से रखते हैं और धर्म पूछे जाने पर यह कहते हैं कि यह मेरा व्यक्तिगत मामला है। मेरी तो राय यह है कि आप अपना नाम मोहनलाल ही रहने दें। जब भी कोई पूछे कि मुस्लिम हो कर ऐसा नाम क्यों तो बड़े गर्व से उन्हें बताइए कि मेरे माता-पिता भारत की गंगा जमुनी तहजीब के थे। वे किसी में भेद ही नहीं करते थे इस कारण उन्हों ने मेरा ऐसा नाम रखा, जिस पर मुझे गर्व है और हमेशा करता रहूंगा। अपनी हीन भावना को गर्व की भावना में बदल डालें। फिर आप को कहीं कोई परेशानी नहीं होगी।