समस्या-
हम पांच भाई हैं, मैं चौथी संतान हूँ। हमारे सबसे छोटे भाई ने जब पिता जी उसके संरक्षण में रहे तो उसने 90 वर्षीय पिताजी से खुद के नाम से पूरी जमीन का हिबानामा 4-4-2012 को करा लिया। मैं क्या करूँ? मुझे रास्ता दिखाएँ।
-योगेन्द्र शुक्ला, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
समाधान-
इस के विपरीत हिन्दू विधि में कोई संपत्ति पैतृक है तो उसे दान नहीं किया जा सकता। यदि कोई गैर मुस्लिम अपनी किसी अचल संपत्ति को दान करता है तो उस के लिए लिखित दस्तावेज दानपत्र (हिबानामा) का निष्पादित किया जाना आवश्यक है और उस का उप पंजीयक के यहाँ पंजीकृत कराया जाना भी आवश्यक है। इस तरह यदि कोई गैर मुस्लिम उस की किसी अचल संपत्ति को दान (हिबा) करता है तो यह दान मौखिक नहीं हो सकता और न ही अपंजीकृत दस्तावेज से संपन्न कराया जा सकता है। इस तरह किसी भी गैर मुस्लिम द्वारा निष्पादित किया गया दानपत्र (Gift Deed) यदि वह पंजीकृत नहीं है तो विधि के समक्ष उस का कोई मूल्य नहीं है।
आप के मामले में आप ने पिताजी द्वारा जमीन को हिबा करना और हिबानामा निष्पादित करना बताया है। यदि यह संपत्ति पैतृक है तो उसे दान किया जाना तब तक संभव नहीं है जब तक कि समस्त भागीदारों के बीच उस का बँटवारा नहीं हो जाता है। यदि यह संपत्ति जिसका हिबानामा लिखाया गया है वह आप के पिताजी की व्यक्तिगत संपत्ति है तो भी दान-पत्र का पंजीकृत होना आवश्यक है। यदि दस्तावेज दान-पत्र पंजीकृत नहीं है तो उस का कोई मूल्य नहीं है। यदि आप के भाई ने कोई हिबानामा लिखाया है और पंजीकृत नहीं है तो आप को परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि हिबानामा पंजीकृत करवा लिया गया है तो उसे इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि पिताजी की जमीन पैतृक है और दान नहीं की जा सकती।